Ek Pariwar Ka Adjustment करना , या समायोजन करना एक कला है ,, जिसने एडजस्टमेंट करना सीख लिया , उसने जिंदगी जीना सीख लिया
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Ek Pariwar Ka Adjustment एक परिवार का एडजस्टमेंट । बहुत ही ख़ुशहाल परिवार
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Ek Pariwar Ka Adjustment करना , या समायोजन करना एक कला है ,, जिसने एडजस्टमेंट करना सीख लिया , उसने जिंदगी जीना सीख लिया ,
यह कहावत बहुत ही सटीक, और सत्य है
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प्रत्येक व्यक्ति,अपनी दैनिक कमाई से, धीरे-धीरे कुछ बचत करके, घर के लिए, कोई न कोई सामान लाना चाहता है ,और, लाता भी है, इसी तरह से, एक व्यक्ति के द्वारा , अपने घर के लिए, एक गद्दा लाया।
शाम को, सोने के समय, पति पत्नी के बीच , क्या बातचीत हुई , ध्यान से सुनिए, और विचार कीजिए
[ 1 ] पति कहता है , : बिस्तर पर सोने के लिए, केवल चार लोगों की जगह है।,
पत्नी ने जवाब दिया, : कोई बात नहीं, मुझे तो वैसे भी नया गद्दा चुभता है, मैं ज़मीन पर सो जाऊंगी, आप और बच्चे बिस्तर पर सोया कीजिये ।आपको और बच्चोँ को गुदगुदा चाहिये।
[ 2 ] पति कहता है : इस बार दीवाली पर बोनस नहीं मिलेगा।, पूजा की सामग्री के लिए ,व्यवस्था हो जाएगी,और बच्चों के लिए नए कपड़े व खिलोने नहीं ला पाऊंगा।
पत्नी ने कहा ,: आप चिंता मत करिए। मैंने हर महीने, धीरे-धीरे, कुछ बचत करके पैसे बचाएं हैं । आप, थान के कपड़े ले आइयेगा, मैं ,बच्चों के ,नए कपड़े सिल दूँगी ,और खिलौने भी आ जाएंगे।
[ 3 ]पति ने कहा, : सुनो, मेरी सैलरी में, कुछ बढ़ोतरी हुई है। तो इस बार, तुम अपने लिए कपड़े सिलवा लेना। बहुत समय से अपने कपड़े भी नहीं लिए हैं
पत्नी ने कहा, : एजी सुनिए, मेरे पास पहनने के लिए, कपड़ों की कमी नहीं है। आपने अपने जूतों की हालत देखी है? ,इस बार तो, आपके लिए अच्छे से जूते खरीद लूंगी,। और बिटिया को ,स्कूल में, फैंसी ड्रेस कंपटीशन में ,भाग लेना है,तो उसके लिए, एक अच्छी सी फैंसी ड्रेस, खरीद दूंगी
[ 4 ] बेटा अपनी मां को ,खाना खाते हुए, देख कर कहता ,
बेटा : माँ, खाने में तो मटर-पनीर बना था । तो तुम ये कल रात की, बासी सब्जी क्यों खा रही हो?” तुम्हें तो मटर पनीर, अच्छा लगता है
मां बोली: अरे नही, मुझे मटर पनीर पसंद नहीं है बेटा। तेरे पापा, और तेरी बहन, को बहुत पसन्द है। उनको सुबह टिफ़िन में ,देने के लिए बचा रखी है।
[ 5 ]पति ने कहा : सुनिए, मुझे माफ़ करना, मैं इस बार फिर से, हमारी शादी की सालगिरह भूल गया।
पत्नी ने जवाब दिया: कोई बात नहीं, मैं भी भूल गयी थी। मुझे तो बच्चों ने याद दिलाया है ।
[ 6 ]मां बेटी से कहती है :
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बेटी , तू लखनऊ में रहकर एग्ज़ाम की तैयारी कर ले ।
बेटी ने कहा : “नहीं माँ, रीमा को नए कॉलेज में एडमिशन कराना है, मैं कोई जॉब ढूँढकर नौकरी कर लेती हूं, जिससे कुछ पैसे भी आ जाएंगे, और मैं सेटल भी हो जाऊंगी । एक साल का ड्रॉप लेकर, फिर बाद में पोस्ट-ग्रेजुएट कर लूँगी।
दोस्तों हमारे मिडिल क्लास, परिवारों में, केवल अड़जस्टमेंट्स ही होते रहते है। इन परिवारों में शायद प्यार की जगह नहीं होती , अपितु देखा जाए तो, ऐसी जगहों में ही प्यार पलना पसंद करता है,
यह भी सत्य है कि, ऐसे परिवारों में अंदरूनी प्यार सभी को एक बनाए रखता है, । तभी तो पता नहीं चलता है की एडजस्ट करते-करते ना जाने कब बड़े हो जाते है और प्यार फिर ठहर जाता है , पीढ़ी दर पीढ़ी प्यार बढ़ता चला जाता है।
दूसरे को खुशियां देने के लिए, यदि हम अपने आप को, सक्षम पाते हैं तो आपस मे प्यार बढ़ता है , एकजुटता भी बढ़ती है
इस वीडियो के कुछ बिंदुओं पर ,गौर किया जाए तो, हम भी अपने आप को ,एक अच्छा व्यक्ति साबित कर सकते हैं, और मिलजुल कर रह सकते हैं
जिसे पुराने समय में एकाकी परिवार कहा जाता था पहले के समय में एकाकी परिवार में, किसी भी तरीके का, कोई विघटन नहीं होता था असल मायने में दूसरों की ख़ुशियों को, अपनी खुशी से ऊपर रखना ही तो होता है प्यार।

आज के लिए इतना ही , खुश रहिए ,स्वस्थ रहिए, मस्त रहिए, खुशियां बांटते रहिए।
जय हिंद