Victory beyond Fear डर के आगे जीत

Victory beyond Fear डर के आगे जीत: आज के जीवन में हर व्यक्ति किसी न किसी डर से ग्रसित है इसी पर आधारित यह एक महिला की मन की परेशानी है।

Victory beyond Fear डर के आगे जीत-

पता नहीं क्यों मन इन दिनों बहुत उदास रहता हैं | सूर्य की सुंदर किरणों के साथ सुबह की शुरुआत करने वाली मै आज पता नहीं क्यों उदास मन से सुबह के सारे काम कर रही थी | काम करने में दिल ही नहीं लग रहा था लेकिन बच्चों को स्कूलभेजना था |

पहले नेहा को टिफिन और नाश्ता देकर स्कूल की बस में बिठाया और फिर निखिल को कोचिंग के लिए भेजा | सुरेश अभी भी सुबह की चाय का इंतजार कर रहे थे |सो मैं उदास मन से चाय और अखबार लेकर उनके पास पहुंच गई|

मेरी उदासी देखकर उन्होंने पूछा,”

तुम उदास क्यों हो?” पर मैं सुबह- सुबह उनका मूड खराब नहीं करना चाहती थी | इसलिए मैं जल्दी से चाय खत्म करके,काम का बहाना बनाकर वहां से हट गई | बार-बार मन कर रहा था कि उनसे अपने मन का डर कह दूँ और थोड़ा सा कह कर रो लूँ , तो मन हल्का हो जाए, पर उन्हें किसी चिंता में नहीं डालना चाह रही थी |   

महिला की परेशानी Victory beyond Fear डर के आगे जीत-

 पिछले 1 महीने से मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मुझे अपने सीने में हल्का सा भारीपन महसूस हो रहा था और मेरे मन में यह बात घर कर गई की हो ना हो मुझे कहीं कैंसर तो नहीं हो गया | मेरी मामी और ताऊ जी को भी यही बीमारी थी,परंतु मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी की मैं डॉक्टर को दिखाने जाऊं | Victory beyond Fear डर के आगे जीत

मेरी पड़ोस में रहने वाली आंटी के पति की एक गंभीर बीमारी के कारण असमय उनकी मृत्यु हो गई थी | मृत्यु के पश्चात मैंने देखा कि उनका जीवन कितना बेरंग हो गया था | मेरी आंखों के सामने नेहा और निखिल का चेहरा घूमने लगा |

मेरे जाने के बाद मेरे बच्चों का क्या होगा | मेरे आस पास घूमने वाले मेरे प्यारे बच्चे मेरे बिना कैसे रहेंगे | माँ आज क्या खाना बना है, माँ मेरा टिफिन रेडी है या नहीं, माँ मेरी स्कूल यूनिफॉर्म कहां है, माँ आज मेरा एग्जाम है आप बोलोगी तो पक्का अच्छा होगा | बोलो ना माँ अच्छा होगा ना….. स्कूल से आते ही बच्चे अपने फ्रेंड्स की ,टीचर्स की पूरी कहानी सुनाने के बाद ही रुकते हैं|

यही सब सोच सोच कर दिमाग फटा जा रहा था | मेरे ना रहने के बाद मेरे इन बच्चों का क्या होगा और सुरेश तो मेरे बिना जी ही ना पाऐ| इन सब बातों को सोच-सोच कर मेरी डॉक्टर के पास जाने की हिम्मत ही नहीं कर रही थी |

पर मैंने सोच लिया था इस तरह डरकर रोज मरने से तो अच्छा है कि मैं आज डॉक्टर को दिखा ही लूँ और सच्चाई का पता लग जाए | सुरेश के ऑफिस जाते ही मैं हिम्मत करके फोन लगाकर अपॉइंटमेंट ले लिया और डॉक्टर को दिखाने के लिए चली गई | वहां पहुंचने पर भी डर मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा था | Victory beyond Fear डर के आगे जीत

चिकित्सक से परामर्श Victory beyond Fear डर के आगे जीत-

कांपते पैरों से मैंने डॉक्टर के केबिन में प्रवेश किया पर डॉक्टर से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी | जैसे तैसे मैंने चेकअप कराया और डॉक्टर ने कहा,” वैसे तो सब कुछ नॉर्मल लग रहा है पर फैमिली हिस्ट्री देखते हुए तुम मैमोग्राफी करवा लो |”

मैं बहुत ज्यादा डर गई थी फिर भी मैं दूसरे दिन बहुत हिम्मत जुटा कर मैमोग्राफी करवा आई और रिपोर्ट आने का बेसब्री से इंतजार करने लगी | किसी तरह दिन बीता और रिपोर्ट आ गई | दूसरे दिन रिपोर्ट लेकर मैं डॉक्टर के पास गई | उन्होंने रिपोर्ट देखकर कहा,” सब नॉर्मल है|” मैं अपने को रोक नहीं सकी और वही रोने लगी | Victory beyond Fear-डर के आगे जीत                             

समझ मे नहीं आ रहा था की ईश्वर का कैसे शुक्रिया अदा करूं क्योंकि मैंने देखा है कि पति पत्नी दोनों में से किसी एक की असमय अगर मृत्यु हो जाए तो पूरा परिवार बिखर जाता है | आज मैंने अपने डर पर जीत पा ली और ईश्वर ने भी मेरा साथ दिया और मुझे अपनों के साथ जीने की खुशी दे दी | Victory beyond Fear डर के आगे जीत

आज सुरेश जैसे घर पर आए मैं उनसे मिलकर बहुत देर तक रोती रही वे समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक मुझे क्या हुआ क्योंकि वे पिछले कुछ दिनों से मेरे मन में चल रही कशमकश से अनभिज्ञ थे | पर जब मैंने उन्हें पूरी बात बताई और उन्होंने रिपोर्ट देखी तो एक राहत भरी सांस ली और भगवान का शुक्रिया अदा किया | मुझे खोने का डर जो खत्म हो गया था |

आज मैंने अपने डर पर जीत पा ली थी और इसमें ईश्वर ने भी मेरा साथ दिया | और अपनों के साथ जीने की खुशी दे दी |

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Victory beyond Fear डर के आगे जीत

“यदि खुद में आत्मविश्वास हो तो आप का डर आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता”

   धन्यवाद

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