क्योंकि मैं एक पुरूष हूंछ यह बाईसवीं शदी है पुरुष और महिला दोनों का बराबर का हक है अतः आज से मैं घरेलू कार्यों मे तुम्हारे साथ बराबर का हाथ बटाऊँगा। तुम कपड़े धोना, खाना बनाना, घर की साफ सफाई करना, पौधों में पानी डालना और बाजार के कार्य निपटाओगी बाकी घर के सभी काम, मैं समाचार पत्र पढ़ते पढ़ते निपटालूंगा। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
क्योंकि मैं एक पुरूष हूं
जब मेरी कार स्टार्ट नहीं होती है और मैं कार का अगवाडा ढक्कन उठाकर इंजन में तांक झांक करता हूँ, इधर-उधर तार छूता हूं, इसी बीच दूसरा कोई पुरूष कहीं से प्रकट हो जाता है और वह भी इंजन में ताक झांक करता है. कुछ तार वार हिलाता है फिर भी कार स्टार्ट नहीं होती है।
फिर हम दोनो में से एक, दूसरे से रौब से कहता है इन चीजों को पहले मैं आराम से ठीक कर लेता था । परंतु अब मोदी जी के जमाने में आजकल हर चीज कम्प्यूटराइज हो गयी है, और आधार से लिंक आती है तो यह समझ नहीं आता है कि कौन सा तार हिलाकर अंगूठा लगाऊं फिर हम दोनों मजे से बीयर पीते हैं और मेकैनिक का इंतजार करते हैं। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
घर का या ऑफ़िस का कोई भी उपकरण जब खराब हो जाता है तो मैं उसे खोलकर ठीक करने लगता हूँ इधर-उधर ठोकता और पटकता हूं पुराने अनुभवों के बावजूद, उपकरण ठीक नहीं होता है मेरे द्वारा खोले गए उपकरण को सुधारने के लिए मेकैनिक को दोगुना चार्ज देना पड़ता है। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
जब मुझे जुकाम हो जाता है और मैं छींकने लगता हूं तो मैं बिस्तर पर कराहते हुए चीखता चिल्लाता हूँ ,मुझे गर्म चिकन सूप चाहिए कोई मेरी चिंता नहीं कर रहा है। मैं जिस गंभीर तरीके से बीमार पड़ता हूँ उस तरीके से कोई भी बीमार नहीं पड़ता, यह मेरी समस्या, मेरी खुद की देन होती है और मैं पत्नी पर चिल्लाता हूं क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
हम दोनों कहीं जंगल में हैंऔर मैं यह नहीं समझता कि हम रास्ता भटक गए हैं बेमतलब रुककर, किसी से रास्ता पूछने की जरूरत भी है तुम्हें कौन समझाए क्या तुम किसी अजनबी पर भरोसा करोगी?
हमारा मतलब है उस अजनबी को कैसे पता होगा कि हमें कहाँ जाना है क्योंकि मैं एक पुरूष हूं,
जब हम टीवी देखते है तो टीवी का रिमोट कंट्रोल मेरे हाथ में होना चाहिए, यदि रिमोट कंट्रोल नहीं मिल रहा है तो बीबी पर
रोब दिखाता हूं ,बाद मैं फ्रिज के नीचे रिमोट कंट्रोल मिलता है तब तक मेरा पसंदीदा टीवी शो खत्म हो जाता है। पत्नी पर गुस्सा करता हूं। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
जब कभी भी मैं अपनी कार की चाबी कार के अंदर ही भूल जाता हूँ तो मैं तुम्हारे इस सुझाव को नहीं मानता हूं कि हमें किसी मकैनिक को तत्काल बुला लेना चाहिए।इसे अनदेखा करके किसी कपड़े सुखाने वाले हैंगर के तार से या किसी तीली से कार का दरवाजा खोलने की कोशिश तब तक करता रहता हूं जब तक कि दरवाजे का ताला खराब न हो जाए या मैं पूरी तरह से थक हार कर निढाल न हो जाऊँ। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
हमारे लिए, यह बिलकुल जरूरी नहीं है कि मैं किस समय, क्या सोचता रहता हूँ मेरी मैडम, तुम्हारे पूछने पर ,हमारा उत्तर हमेशा ही प्यार होगा या कोई रोमांटिक खेल । जब तुम कुछ पूछोगी तो मैं मजबूरन उन मुद्दों से हटकर कुछ अलग ही सोचता हूं बेहतर यही होगा कि, तुम हमसे कुछ पूछो ही नहीं। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
अजी सुनती हो मेरी टाई कहां है, अजी सुनती हो मेरे जूते पालिश नहीं है, अजी सुनती हो आज कौन सी ड्रेस पहननी है, अजी सुनती हो मैं ऑफिस कैसे जाऊं गाड़ी पंचर है, अरे कभी तो जल्दी सुन लिया करो किचन में घुसी रहती हो, अजी तुम किससे बात कर रही हो बाद में बात कर लेना जब मैं चला जाऊं। अजी क्या मै तैयार हो गया हूं, ऑफिस जाने के लिए। क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।
मैं देखता हूँ कि जो ड्रेस तुमने अभी पहन रखा है वह बहुत अच्छा है। हमारे विचार में तुमने जो ड्रेस अभी थोड़ी देर पहले पहनी हुई थी,वह भी बहुत सुंदर थी तुम्हारे दोनों जोड़ी जूते बहुत अच्छे हैं लेस साथ भी और बगैर लेस के साथ भी। तुम्हारी हेयर स्टाइल भी बहुत ही सुंदर है तुम बहुत ही लाजवाब हो और बहुत ही खूबसूरत दिख रही हो क्या अब कही चलें? क्योंकि मैं एक पुरूष हूं।