Romantic Love Story 02 हितेश और सविता की प्रेम कहानी

Romantic Love Story 02: हितेश और सविता दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। हितेश सविता को प्यार करता था मगर कभी हिम्मत नही कर पाया था कि सविता को प्रपोज करे। सविता खुद ही प्रपोज करती है और कॉलेज खत्म होने के बाद दोनों बिछड़ जाते है। क्या दोनों मिल पाएंगे?

Romantic Love Story 02 हितेश और सविता की प्रेम कहानी

Romantic Love Story 02: यह दिसंबर माह का समय था। आकाश साफ़ थी, हल्की धूप निकल चुकी थी। हम अपने दोस्तों के साथ कॉलेज परिसर में ही बैठकर धूप का लुत्फ उठा रहे थे । साथ ही हम दोस्तों यहां वहां की बातें फेंक रहे थे। तभी मेरी ध्यान कॉलेज के मेन गेट के पास जाकर टिकी।

हल्के नीले रंग की स्वेटर, पीली सलवार सूट और अपने रेशमी बालों को मोड़कर आगे की तरफ कर के कोई आ रही थी। उसके चेहरे पर पड़ती हल्की धूप और उसके लिलार की लाल बिंदी गजब की खिल रही थी। जब वह मेरी नजदीक आई तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गई। 

मैं सविता को कई बार प्रपोज कर चुका था लेकिन उसका अब तक ककोई भी जवाब नहीं मिला था । वह ना तो कभी इंकार की थी और नहीं कभी हामी भरी थी।

बस वह सिर्फ मुस्कुरा कर टाल देती थी । यही कारण था कि मेरे दोस्त मुझे हमेशा कहा करते थे कि सविता भी तुम्हें प्यार करती है तभी तो वह तुम्हें इंकार नहीं करती है।

Romantic Love Story 02 मे प्यार का इजहार-

आज उसे इतनी सजी-सबरी देखकर मैंने भी ठान लिया था कि आज उससे जवाब लेकर ही रहूंगा। अब हम लोग क्लास में जा चुके थे लेकिन जैसे ही ब्रेक में मौका मिला उससे पूछ ही लिया, सविता , मैं तुमसे एक बात पूछना चाहता हूं।

मैं अपनी दबी आवाज बोल ही रहा था कि सविता ने मेरी बातों को काटते हुए कहा हाँ मै तुम्हे चाहती हूँ । यह सुन कर मेरी धड़कन हो गयी, पूरे शरीर में बिजली सी चौंध गई , सविता की हाँ की आवाज सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 

आज तो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल था, जिसका इंतजार मैं बरसों से कर रहा था वह आज सुनने को मिला था।

सविता मेरे प्यार को कबूल कर कर चुकी थी। और देखते ही देखते कुछ देर में हम दोनों एक दूसरे से गले में लिपट गए ।

सदियों से बंजर जमीन पर आज पहली बार प्यार की गुलाब खिल रही थी। सभी दिशाएं मोहब्बत की इस रंग में विभोर हो चुकी थी।

इसके बाद हम दोनों कई बार साथ में घूमे ,मस्ती किए, कभी इस पार्क में तो कभी उस पार्क में ।अपनी बाइक पर लेकर उसे जब पटना की सड़कों पर निकलते थे तो सारी लोगों की नज़र हम दोनों पर टिके रहता था।

जब हमारी कॉलेज खत्म हुई तो हम दोनों अपने अपने शहर वापस आ गए लेकिन उसकी यादों ने यहां जीना मुश्किल कर रखा था। कई दिनों तक कुछ करने का मन नहीं कर रहा था ।

बस यूं ही उदासी में उसकी तस्वीरें को निहारता रहता था। मैं भाई-बहन में सबसे बड़ा था जिसके कारण पढ़ाई के बाद जिम्मेदारियाँ बनती थी कि मैं जल्द से जल्द जॉब कर लूँ।

मैंने भी अपने फर्ज निभाने हेतु सब कुछ कर रहा था। धीरे-धीरे सविता को भूलने की कोशिश करना शुरू कर दिया। इसी बीच मुझे एक अच्छे कंपनी की जॉब ऑफर हुई।

इतने दिनों में सविता मुझे भूल गई होगी, इस तरह का ख्याल मन में बहुत बार आया ।लेकिन मैं यही सोचता था कि जब मैं उसे भूल नहीं पाई तो वह मुझे कैसे भूल गई होगी। Romantic Love Story 02

दिल तो चाहता था सब कुछ भूल कर उसके पास चले जाऊँ लेकिन जिम्मेवारियां मुझे मजबूती से जकड़ रखा था। मैं आधे मन से जॉब के लिए इंटरव्यू देने चला गया।

मुझे इस जॉब में कोई इंटरेस्ट नहीं था मगर फिर भी उस जॉब के लिए चला गया। जैसे नदियों का पानी बिना सोचे समझे समुद्र की तरफ चला जाता है ठीक मैं भी उसी तरह बिना सोचे समझे चला जा रहा था। Romantic Love Story 02

अब मैं इंटरव्यू के लिए ऑफिस पहुंच चुका था।ऑफिस में कई सारे लोग इंटरव्यू के लिए बैठे थे। मैं भी अपनी बारी का इंतजार करने लगा।  रास्ते का प्यार प्रेम कहानी

वहां भी सविता की यादें खाई जा रही थी और एक अलग तरह की तनहाई मारी जा रही थी। जिस तरह सूरज के डूब जाने के बाद सूरजमुखी के फूल मुरझा जाती है

ठीक मेरा भी वैसा ही हाल सविता के जाने के बाद हो चुकी थी। बैठा तो था लोगों के साथ लेकिन फिर भी यहां भी मैं अकेला महसूस कर रहा था। Romantic Love Story 02

कुछ समय बाद मेरी भी बारी आ चुकी थी सर! इंटरव्यू के लिए आपको अंदर बुलाया जा रहा है उस कंपनी के एक कर्मचारी ने मेरे पास आकर बोला ।  कहकर मैं ऑफिस के दरवाजे को हल्के से धक्का देकर अंदर गया।

बड़ी  बड़ी आंखें, रौबदार चेहरा, चेहरे पर कड़क स्वभाव और बाल हल्के सफेद एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठा था। उन्होंने मुझे बैठने का इशारा किया इसके बाद उन्होंने पूछा नाम क्या है।

इसके बाद उन्होंने कई सवाल पूछा जिसका जवाब मै पूरी आत्मविश्वास के साथ देता गया । उन्होंने कुछ अजीब तरह के सवाल भी पूछे जैसे-तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं ? तुम कितने भाई बहन हो ? इन सवालों के अलावा और भी कई सवाल पूछे पर मैंने सभी प्रश्न का जवाब बिल्कुल सही सही देता गया।

क्या किसी से प्यार करते हो ?  उनका यह प्रश्न सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। भला जॉब के लिए इस तरह का प्रश्न कौन पूछता है! मैंने इस प्रश्न का जवाब खामोश रहकर ही देना उचित समझा ।

 इस प्रश्न को सुनकर ऐसा लग रहा था यह जॉब इंटरव्यू कम और मैरिज इंटरव्यू ज्यादा लग रही थी।

तुम मुझे बहुत पसंद हो  उन्होंने बोला अपने दाएं हाथ से रिंग बेल का बटन दबाकर किसी को बुलाया। और कहा!

इन्हें लेकर मैडम के केबिन में जाओ  उन्होंने आदमी को आने के बाद कहा मैं उस आदमी के साथ दूसरे केबिन की तरफ चला गया । मन मचल रहा था। मैं मन ही मन सोचता जा रहा था, नौकरी मिलेगी या ऐसे ही वापस लौटना पड़ेगा।

मैं जब दूसरे केबिन के अंदर गया तभी मुझे आवाज सुनाई पड़ी, साहब ! बोलो कितना सैलरी लोगे ?

जब मैं कुर्सी पर बैठा देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गई। पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई। चेहरे पर हल्की मुस्कान लिए कुर्सी पर सविता बैठी थी । मैं तो सविता को देखकर हक्का-बक्का सा देखता रह गया तभी वह मुझे बोली, क्यों साहब चौक गए।

मैंने कहा, सविता! तुम,

सविता ने कहा, तुम्हें क्या लगता था हम तुम्हें भूल गए? मैं भी तुम्हें उतना ही मिस करती थी जितना कि तुम करते थे।

फिर हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया। कुछ पल तक तो कहीं हम एक अलग सी दुनिया में खो गए । ऐसा लग रहा था किसी दिवालिया हुए इंसान को उसका पूरा संपत्ति फिर से वापस मिल गई हो।

सविता ने बतायी कंपनी उसकी पापा की है और सविता ने खुद बोलकर ही मेरे नौकरी के लिए ऑफर दिलवाई थी क्योंकि मेरे बारे में सविता अपने पापा से बात कर चुकी थी। Romantic Love Story 02

अब तो हम दोनों मिल चुके थे उसके बाद हम दोनों की शादी हमारे परिवार की रजामंदी से हो गयी। जन्म जन्म तक साथ निभाने का वचन देकर आज हम दोनों साथ साथ है।

बहुत खुश हूं कि मुझे मेरा पहला प्यार मिल गया और भगवान से प्रार्थना करता हूं , मुझे अगले जन्म में भी इतना ही प्यार करने वाली सविता ही मिले।

इसे भी पढें- रास्ते का प्यार प्रेम कहानी

Leave a Comment