Poshan Abhiyaan जिसे के लिए “सही पोषण ,देश रोशन” का स्कलोगन कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा 2018 में शुरू किया गया था। पोषण अभियान” भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण में सुधार करना है, और कुपोषण को दूर करना है । इस अभियान के तहत यह प्रयास किया गया कि पोषण के सभी मानकों पर ध्यान दिया जाए, जिससे समग्र रूप से देश के नागरिकों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सके।
Poshan Abhiyaan :Sahi Pashan, Desh Roshan का मुख्य उद्देश्य
– Poshan Abhiyaan का सबसे प्रमुख लक्ष्य बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करना है।
-पोषण अभियान का प्रयास है कि पोषण के विभिन्न लक्ष्य, जैसे प्रोटीन, विटामिन और खनिजों को आहार में शामिल करके लाया जाए।
–सही पोषण ,देश रोशन अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय समुदायों को अभियान में उनके सहयोग से कार्य करना शामिल है।
– यह अभियान प्रभावशाली डेटा संग्रहकर्ता और मॉनिटरिंग पर निर्भर करता है, ताकि किसी भी व्यक्ति का सामना करने के लिए सही निर्णय लिया जा सके।
Poshan Abhiyaan के प्रमुख घटक
थीम आधारित कोचिंग: Poshan Abhiyaan के अंतर्गत विभिन्न आश्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे पोषण माह, जिसमें बच्चों को सही भोजन और पोषण के सिद्धांत के बारे में जानकारी दी जाती है।
फिम मेकनिज्म: इस अभियान में लोगों के फिम का ध्यान रखते हुए सिद्धांतों में बदलाव किए गए हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि स्थानीय विधान पार्षदों को सम्मान दिया जायेगा।
नवीनतम तकनीक का उपयोग: पावरफुल ऐप्स और ऑफ़लाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पोषण संबंधी जानकारी और स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी का कार्य किया जा रहा है।
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Poshan Abhiyaan की चुनौतियाँ
हालाँकि Poshan Abhiyaan का उद्देश्य लक्ष्य है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
जागरूकता की कमी: कई क्षेत्रों में लोगों को पोषण के महत्व की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनकी संपूर्ण क्षमता के अनुरूप अभियान नहीं चल पा रहा है।
बजट की कमी: सीमित बजट और विधायी के तहत कई योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पा रही हैं।
सांस्कृतिक बाधाएँ: कुछ क्षेत्रों में पारंपरिक आहार और भोजन की आदतें, आधुनिक पोषण दिशा-निर्देशों के साथ मेल नहीं खा रही हैं, जिससे छात्र पैदा होते हैं।
Poshan Abhiyaan की महत्वपूर्ण पहल
धार्मिक शिक्षा: Poshan Abhiyaan के तहत लोगों को पोषण के ज्ञान के बारे में सलाह दी जाती है। स्टार्टअप प्रोग्राम के माध्यम से, माता-पिता को यह समझा जाता है कि पोषण का क्या महत्व है।
क्लिनिकल कार्यक्रम: स्थानीय स्तर पर क्लिनिकल स्वास्थ्य जांच, स्कूलों और कार्यक्रमों के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी जाती है।
प्रौद्योगिकी: सहायता सरकार द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है, जैसे कि पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए अनुमति दी जाती है।
Poshan Abhiyaan का लाभ
संपूर्ण सुरक्षा: यह Abhiyaan देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान देता है।
स्वास्थ्य में सुधार: Poshan स्तर में सुधार से स्वास्थ्य संबंधी तकनीकी में कमी आती है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
शिक्षा में वृद्धि: अच्छी पोषण स्थिति बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन में भी मदद करती है।
सैलून का महत्व
Poshan Abhiyaan की सफलता के लिए आवश्यक है कि स्थानीय समुदाय आगे बढ़े। इसके लिए:
स्थानीय नेताओं की भागीदारी: यदि स्थानीय नेता और कुलीन व्यक्ति इस अभियान में सक्रिय भाग लें, तो यह अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकता है।
स्वयंसेवी संगठन: विभिन्न सामाजिक संगठन और पोषण पोषण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यहां आप आम जन से परामर्श ले सकते हैं।
ईसाई संस्थान: स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में सिखाया जाता है, उन्हें सही आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
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निष्कर्ष
Poshan Abhiyaan (पोषण अभियान) भारत सरकार की एक अभिनव पहल है, जो केवल पोषण को समाप्त करने का प्रयास नहीं कर रही है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर को भी उन्नत बनाने का लक्ष्य रखती है। यह हमें एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में ले जा रहा है जहां हर व्यक्ति स्वस्थ हो। यह आवश्यक है कि सभी नागरिक, अस्वास्थ्यकर माताएं और बच्चे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं, ताकि हम एक स्वस्थ और समृद्ध भारत की दिशा में बढ़ सके।