Maa Durga Chalisa Hindi Me (दुर्गा चालीसा) हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा को शक्तिशली माना जाता है। माँ दुर्गा एक महान हिंदू देवी हैं जो शक्ति और अन्कंपा का प्रतीक मानी जाती। हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि शेर पर सवार मा दुर्गा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। माँ दुर्गा को एक सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है । मा दुर्गा की आठ भुजाएँ दर्शायी गयी और प्रत्येक भुजा एक हथियार के सा अलग-अलग थ आठ दिशाओं की ओर इशारा करती हैं। नवरात्रि के मौसम के दौरान देवी के नौ अवतारों की पूजा अत्यंत भक्ति और शृद्धा के साथ की जाती है।
कहा जाता है Maa Durga Chalisa Hindi Me दुर्गा चालीसा का पथ करने से आपके आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और जीवन में होने वाली विषमताएं और कष्ट दूर हो जाते है। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से निराशा, जुनून और वासना की भावनाओं को आसानी से दूर किया जा सकता है। पूरे मन से मा दुर्गा की प्रार्थना से धन, ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Maa Durga Chalisa Hindi Me दुर्गा चालीसा हिंदी में
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Maa Durga Chalisa Maa Durga Chalisa
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
Maa Durga Chalisa दुर्गा चालीसा का पाठ करने से जीवन की समस्त प्रकार बाधाएं दूर हो जाती है।
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
Maa Durga Chalisa Hindi Me दुर्गा चालीसा पढ़ने से व्यक्ति अपार सुख की अनुभूति करता है और समस्त प्रकार की विपत्तियों से मुक्त हो जाता है।
Maa Durga Chalisa Hindi Me दुर्गा चालीसा पढ़े जीवन के कष्ट दूर करें।