Life Happiness Reason सुमति से जीवन में कलह की संभावना खत्म हो जाती है। एक प्रेरक कहानी।
सुमति से जीवन में कलह की संभावना खत्म हो जाती है। एक प्रेरक कहानी।
एक बार दरिद्र देवता एक ब्राह्मण के घर पधारे और कहने लगे मैं तुम्हारे घर रहना चाहता हूँ ,ब्राह्मण ने सोचा और कहा-आप यहां रह सकते हैं।
दरिद्र देवता पुन:ब्राम्हण से बोले आप हमसे कोई वरदान मांग ले, तो मैं तेरे घर रहने के सोचूं। ब्राह्मण बड़े ही असमंजस में पड़ गये कि कौन सा वरदान मांगू?
धन-धान्य मांगू तो वह दरिद्र देव के पधारने पर टिक नहीं सकता। मांगू तो क्या मांगू?
अस्तु उन्होंने वर के लिए तीन महीने का अवकाश मांगा। दरिद्र देव चले गए।
अब वह ब्राह्मण सदा इसी विचार में पड़ा रहता कि लौटने पर कौन सा वरदान मांगूंगा? ब्राह्मण को चिंता ग्रस्त देखकर उसकी पुत्रवधू ने पूछा। आप क्यों चिंतित रहते हैं?
उसने सारी घटना कह सुनाई। पुत्रवधू ने कहा; आप चिंता न करें! दरिद्र देव के आने पर उनसे सुमति का वरदान मांग लें।
यदि हम लोगों में सुमति रहेगी तो एक धोती में से आधा फाड़कर मैं अपनी सास को भी पहना सकती हूं।
और अपना निर्वाह भी कर सकती हूं। एक रोटी में उसे भी हम लोग थोड़ा थोड़ा बांट कर संतोष कर सकते हैं। यह बात ब्राह्मण की समझ में आ गई।
तीन महीने बीतने पर दरिद्र देव आए और वरदान मांगने के लिए कहा। ब्राह्मण ने कहा-देव! यदि आप मुझे कुछ देना ही चाहते हैं तो सुमति दे दें। दरिद्र देव बोले; तो फिर जहां सुमति रहेगी वहां मैं कैसे रह सकता हूं ?
ब्राह्मण ने कहा; देव! मुझे सुमति के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु की अपेक्षा ही नहीं है। दरिद्र देव बोले, अच्छा तुम लोगों में सुमति बनी रहे, मैं जाता हूं।
गोस्वामी जी ने भी लिखा है –
जहां सुमति तहां संपत्ति नाना। जहां कुमति तहं बिपति निदाना॥
“जीवन में सुमति बनाये रखिये और सुखी रहिये।”
“पढ़ने के लिए धन्यवाद “