Shabdon ki takat (Power of Words) : दोस्तों यह कहनी लिखने का हमारा यह मतलब है कि हमेशा नाप तौल कर, सही ,वजनदार, और सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें।
Shabdon ki takat (Power of Words) समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चों को आगे बढ़ने क लिए प्रेरित करता है इसी कड़ी आप जानिए एक बार अपनी युवावस्था में कदम रखनेवाला, उत्साह से भरा एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने के लिए जाता है। शिकार करने के लिए अभी वो कुछ ही दूर आगे गया था कि उसे एक लोमड़ी मिलती है लोमड़ी ने उस नौजवान चीते को रोकते हुए पूछा , ” अरे छोटू, तुम कहाँ जा रहे हो ?” “चीते ने कहा आज मै पहली बार खुद से शिकार करने जा रहा हूँ !”,
जानिए “शब्दों की ताकत” Shabdon ki takat (Power of Words)
चीते की यह बात सुनकर “लोमड़ी हँसी” और बोली ” छोटू अभी तुम्हारी उमर खेलने-कूदने की हैं और तुम छोटे भी हो, शिकार कैसे करना है यह भी नहीं जानते हो ,तो तुम शिकार कैसे करोगे।लोमड़ी की ऐसी बातें सुनकर वह चीता उदास हो गया। फिर भी शिकार के लिए आगे बढ़ गया क्योकि वह पहली बार शिकार के लिए निकला था । वह चीता उदास मन से दिन भर शिकार के लिए इधर-उधर घूमता रहा, कुछ जगहों पर कई बार शिकार करने के प्रयास भी किये लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। थक हर कर वह अपने घर लौट आया।
घर आने के बाद चीते ने अपनी माँ से आज की सभी बाते बताई। उसकी माँ ने कहा साहस करो और कहो हम शिकार कर लेंगे। तुम शिकार कर लोगे।

अगली सुबह माँ की Shabdon ki takat से भरा हुआ वह चीता फिर शिकार के लिए निकलता है। कुछ दूर चलने के बाद उसे एक बूढ़ा भालू मिलता है । भालू चीते को देखकर उससे पूछता है , ”बेटा,कहाँ जा रहे हो ?” चीते ने कहा “ताऊ , मैं शिकार करने जा रहा हूँ। यह सुनकर भालू बोला ” बहुत अच्छे ” बढ़िया सोच। तुम ताकतवर हो और तुम्हारी दौड़ने की गति के कारण तुम एक कुशल शिकारी बन सकते हो। शिकार करना तुम्हारे लिए बहुत आसान है।
जाओ शिकार करो ,तुम्हे बहुत जल्दी सफलता मिलेगी।” बूढ़े भालू की Shabdon ki takat वाली बात सुनकर वह चीता उत्साह से भर गया और कुछ ही दूर आगे बढ़ा उसे एक हिरन दिखाई दिया। हिरन को देखते ही चीते ने शिकार के लिए हिरन को पकड़ने के एक लंबी छलांग लगायी और हिरन को दबोच लिया। आज उसे उत्साह वर्धन से सफलता मिल गयी।
दोस्तों हमारी ज़िन्दगी में “शब्द” और “सोंच” बहुत मायने रखते हैं। अपने देखा shabdon ki takat दोनों ही दिन वही चीता था, उसमे ताकत थी और भागने की चतुराई भी थी, परन्तु पहले दिनलोमड़ी ने उसे नर्बस किया, हतोत्साहित किया, उसमे कमियाँ बताई, जिस कारण वह चीता अपने शिकार में पहले दिन असफल हो गया और अगले दिन भालू ने उसे उत्साहित किया गया उसकी ताकत को बताया गया और वह एक तेज भागनेवाले हिरन का शिकार करने में सफल हो गया। ये है शब्दों की ताकत Power of Words.
Shabdon ki takat से हमने क्या सीखा –
दोस्तों इस छोटी सी कहानी से हम जरूर बहुत कुछ सीख सकते हैं ।
हमारा हमेशा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने “शब्दों” पर गौर करे। अपने शब्दों से किसी को हतोत्साहित न करे , उसमे अक्षमता न भरे असत्य बातों से किसी का मनोबल न गिराए। Shabdon ki takat को पहचाने।
हम ऐसे लोगों से बचना चाहिए जो हमेशा नकारात्मक रहते है , नकारात्मक सोचतें है और नकारात्मक ही बोलते है। दूसरी ओर हमेशा उन लोगो का साथ करे जिनकी सोंच सकारात्मक हो , सच के अनुगामी हो और उत्साहवर्धन करने वाले हो।
हम खुद से क्या बात करते हैं, बातों में हम कौन से शब्दों का प्रयोग करते हैं परिवार में कैसे बोलते है , कौन से शब्दों का प्रयोग करते है। इसका सदैव ध्यान रखना होगा। क्योंकि ये “शब्द” बहुत ताकतवर होते हैं।सफलता और असफलता Shabdon ki takat पर ही निर्भर होती है।
ये “शब्द” ही हमारे विचार बन जाते हैं, शब्द ही सामाजिक प्रतिष्ठा को दर्शाते है। सकारात्मक शब्द , सकारात्मक विचार ही हमारी ज़िन्दगी में आगे की सच्चाई बन कर सामने आते हैं।
शब्दों की ताकत Shabdon ki takat (Power of Words) को पहचानिये,शब्दों में सकारात्मकता लाइए , हमेशा सकारात्मक यानि पॉजिटिव शब्दों का प्रयोग कीजिये , शब्दों की ताकत Power of Words ही आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं। यह एक कटु सत्य है। Shabdon ki takat (Power of Words) पढ़ने के लिए सहृदय “धन्यवाद “