Ayodhya Ram Mandir:अयोध्या भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, क्योंकि यह भगवान राम का जन्मस्थान है। प्राचीन काल में, अयोध्या एक शक्तिशाली राज्य की राजधानी थी। यहां कई प्राचीन मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल थे। Ayodhya Ram Mandir उनमे से प्रमुख है। इसे Ram Mandir Ayodhya भी कहा जाता है।
अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का निर्माण–
Ayodhya Ram Mandir (राम मंदिर) का निर्माण 16वीं शताब्दी से पहले हुआ था। राम मंदिर अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक था। मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया था और यह बहुत ही सुंदर था। मंदिर के मुख्य गर्भगृह भगवान राम की मूर्ति विराजमान थी।
मान्यता है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनके जन्म के बाद, उनके पिता राजा दशरथ ने उनके लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण किया, जिसे Ayodhya Ram Mandir नाम दिया गया । यह मंदिर अयोध्या का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर था।

बाबरी मस्जिद का निर्माण-
16वीं शताब्दी में, मुगल बादशाह बाबर ने अयोध्या पर आक्रमण किया। उसने (Ram Mandir) राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया। इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा गया।
बाबर ने राम मंदिर को तोड़ने का कारण यह बताया कि वह एक मुस्लिम शासक था और वह हिंदू धर्म के प्रतीक को नष्ट करना चाहता था। बाबर के इस कदम से हिंदू समुदाय में रोष फैल गया।
1850 के दशक के बाद Ayodhya Ram Mandir विवाद-
1850 के दशक के बाद, अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के बीच विवाद शुरू हुआ। हिंदू पक्ष का दावा था कि Ram Mandir को बाबर ने ध्वस्त कर दिया था और बाबरी मस्जिद एक अवैध निर्माण थी। मुस्लिम पक्ष का दावा था कि बाबरी मस्जिद एक कानूनी निर्माण थी और इसे हटाना नहीं चाहिए।
इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों में कई बार हिंसक झड़पें हुईं। 1885 में, अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद कमेटी का गठन किया गया। इस समिति ने राम मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन शुरू किया।
अयोध्या राम मंदिर का 1949 का विवाद-
1949 में, कुछ हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्ति रख दी। इस घटना से हिंदू-मुस्लिम संबंधों में और तनाव बढ़ गया।
अयोध्या राम मंदिर 1986 का आदेश-
1986 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि स्थल को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया। इस आदेश से दोनों पक्षों में नाराजगी फैल गई।
1992 का विवाद-
6 दिसंबर 1992 को, एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया। इस घटना से देश में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई।

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला-
9 नवंबर 2019 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने Ayodhya Ram Mandir विवाद पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसला दिया कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में ही होगा। अयोध्या राम मंदिर का निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह एक ऐसी घटना है जो देश की एकता और अखंडता को मजबूत करेगी।
अयोध्या राम मंदिर 5 अगस्त 2020 ऐतिहासिक तिथि-
5 अगस्त 2020 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी। यह भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण था। Ayodhya Ram Mandir के इस समारोह में देश भर से लाखों लोग शामिल हुए।
अयोध्या राम मंदिर की नींव रखने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल होगा।
Ayodhya Ram Mandir की नींव रखने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में एक पत्थर रखा। इस पत्थर पर भगवान राम की तस्वीर बनी हुई थी।
Ayodhya Ram Mandir की नींव रखने के समारोह के बाद, अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई। हिंदू समुदाय ने इस समारोह को एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में मनाया।

5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखने का समारोह
मंदिर की नींव रखने के बाद, मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो गया। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। समिति में कई प्रसिद्ध वास्तुकारों और इंजीनियरों को शामिल किया गया है।
राम मंदिर अयोध्या का डिज़ाइन-
मंदिर का डिज़ाइन बहुत ही भव्य और सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया जा रहा है। मंदिर में तीन मंजिलें होंगी। मंदिर का मुख्य गर्भगृह भगवान राम की मूर्ति के लिए समर्पित होगा। मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी होंगी। मंदिर के चारों ओर एक बड़ा सा परिसर होगा। परिसर में एक बगीचा, एक पुस्तकालय और एक संग्रहालय भी होगा।
अयोध्या राम मंदिर की मुख्य बातें ,
*राम मंदिर बनाने में लगभग तीन साल लगे ।
*जानिए मुख्य राम मंदिर की डिज़ाइन के बारे में ,
*राम मंदिर का कुल क्षेत्रफल: 2.7 एकड।
*राम मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 57,400 वर्ग फुट।
*राम मंदिर की लंबाई 360 फीट है।
*राम मंदिर की चौड़ाई 235 फीट है।
*राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है।
*श्री राम मंदिर तीन मंजिला है।
*मंदिर के भूतल में 160 स्तंभ हैं।
*मंदिर के प्रथम तल में 132 स्तंभ हैं ।
*मंदिर के दूसरे तल में 74 स्तंभ हैं ।
*मंदिर में 12 द्वार हैं ।
अयोध्या राम मंदिर का महत्व-
अयोध्या राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम के जन्मस्थान पर बनाया जा रहा है। Ayodhya Ram Mandir हिंदू धर्म के एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह मंदिर भारत के लिए एक राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है।
मंदिर के निर्माण से होने वाले लाभ-
*राम मंदिर के निर्माण से कई लाभ होंगे। कुछ महत्वपूर्ण लाभ इस प्रकार हैं:
*यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक धार्मिक स्थल होगा।
*यह मंदिर भारत के लिए एक राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगा।
*यह मंदिर पर्यटन को बढ़ावा देगा।
*यह मंदिर रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
*यह मंदिर आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
*अयोध्या राम मंदिर का निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
*यह मंदिर हिंदू धर्म के एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह मंदिर भारत के लिए एक राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है।
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण में निम्नलिखित कार्य किए हैं:
*मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही राम मंदिर Ram Mandir निर्माण को अपने एजेंडे में शामिल किया। उन्होंने कई मौकों पर राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया और इस मामले में अदालत से फैसला आने की उम्मीद जताई।
*2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में ही होगा। इस फैसले के बाद, मोदी ने कहा कि यह फैसला भारत की एकता और अखंडता की जीत है।
*मोदी ने Ayodhya Ram Mandir निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया। इस ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। समिति में कई प्रसिद्ध वास्तुकारों और इंजीनियरों को शामिल किया गया है।
*मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर से दान भी एकत्र किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में सभी हिंदुओं का योगदान होना चाहिए।
*मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में कई दौरे किए। उन्होंने मंदिर निर्माण स्थल पर जाकर निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित भी किया।
*उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर से दान भी एकत्र किया। इस दान से मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि जुटाई गई है।
*उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में कई दौरे किए और निर्माण कार्य का जायजा लिया। इससे लोगों में मंदिर निर्माण के प्रति विश्वास बढ़ता गया है।
*मोदी के योगदान से राम मंदिर निर्माण एक वास्तविकता बनने जा रहा है। यह हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
*मोदी के इन प्रयासों से राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ा है। दिसंबर 2023 मुख्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ।
Ayodhya Ram Mandir से सम्बंधित अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां-
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण और तोड़ने तक के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं:
16वीं शताब्दी में, मुगल बादशाह बाबर ने राम मंदिर को ध्वस्त किया, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया।
1853: अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के बीच विवाद शुरू हुआ।
1885: अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद कमेटी का गठन किया गया।
1949: बाबरी मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्ति रखी गई।
1986: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि स्थल को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया।
1992: एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया।
1993: भारत सरकार ने अयोध्या में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की।
2010: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद (Ayodhya Ram Mandir) पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसला दिया कि बाबरी मस्जिद का ढांचा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बराबर का है।
2019: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसला दिया कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में ही होगा।
अयोध्या राम मंदिर Ram Mandir का निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह एक ऐसी घटना है जो देश की एकता और अखंडता को मजबूत करेगी।
अयोध्या राम मंदिर में राम लला के लिए कहां-कहां से क्या-क्या आया आ रहा यह बह जानिए ?
*अयोध्या की श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी |
*भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को पहला भोग लगाया जाएगा |
*अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन के लिए क्या और कहाँ से आ रहा है यह जानिए।
*इससे पहले राम मंदिर के लिए देश के कोने-कोने से उपहार आ रहे हैं |
*तो चलिए जानते हैं राम मंदिर के उद्घाटन के लिए क्या और कहाँ से आ रह है यह आगे पढ़े आ रहे उपहारों के बारे में |
*रामलला को लगाए जाने वाले विशेष भोग के लिए मुख्य चावल उनके ननिहाल से आ रहे हैं |
*रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3000 क्विंटल चावल आ रहे हैं जो कि छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से एकत्रित किए गए हैं |
*रामलला के ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल, मेवा और उपहार से सजे 1100 थाल भगवान राम को भेंट किए जाएंगे |
*नेपाल के जनकपुर के साथ नेपाल से भी भगवान राम के लिए अनेको उपहार भेजे जा रहें है |
*नेपाल से आभूषण,कपड़े, 51 प्रकार की मिठाइयां ,दही ,मक्खन और चांदी के बर्तन रामलला को भेंट किए जा रहे हैं |
*उत्तर प्रदेश के एटा जिले से अष्टधातु से निर्मित 21 किलो का घंटा रामलला के दरबार में भेंट किया जाएगा |
*गुजरात की वडोदरा से हवन सामग्री और गाय के गोबर से निर्मित 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या राम मंदिर के लिए भेजी जा रही है|
*तेलंगाना के हैदराबाद से चरण पादुका बनाकर भगवान राम को भेंट की जा रही है |
*गुजरात के सूरत से राम मंदिर की थीम पर हीरो का हार बनकर भगवान राम को भेंट किया जा रहा है|
*अहमदाबाद के दरियापुर से 45 किलो के वजन का शंख अयोध्या के राम मंदिर के लिए भेंट किया जा रहा है |
उत्तर प्रदेश एटा से अष्टधातु से निर्मित 21 किलो का घंटा , अहमदाबाद के दरियापुर से 45 किलो के वजन का शंख भेंट किया जा रहा है
विदेश में बैठे राम भक्त अपने समर्थ के अनुसार राम मंदिर के नाम पर चंदा भेज रहे हैं |
निष्कर्ष-
अयोध्या राम मंदिर का इतिहास एक लंबा और विवादास्पद इतिहास है। यह एक ऐसा इतिहास है जो हिंदू-मुस्लिम संबंधों को प्रभावित करता रहा है। राम मंदिर का निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह एक ऐसी घटना है जो देश की एकता और अखंडता को मजबूत करेगी।
हम उम्मीद करते है अयोध्या राम मंदिर की जानकारी, जो राम मंदिर अयोध्या के गिराने से लेकर मंदिर उद्घाटन के पहले तक की है , आपको पसंद आयी होगी जो की संक्षिप्त जानकारी के साथ संकलित किया है।
अयोध्या राम मंदिर का यह संकलन अंत तक पढ़ने के लिए “धन्यवाद “