Hanuman Chalisa Padhe Chamatkar Dekhe: आप परेशनियों से घिरे है मंदिरों में गए , मस्जिदों में गए बाबाओं से मिले ज्योतिषी से भी दो चार हुए यानि मंदिर, मस्जिद ,दरगाह, बाबा, ज्योतिष, गुरु, देवी-देवता आदि सभी जगहों पर गए ।.आपके सारे कष्ट कुछ ही समय में ही दूर हो जायेंगे। हनुमान भक्ति , हनुमान आराधना ही परेशानियों से बचा सकती है कष्टों को दूर कर सकती है।
हनुमान चालीसा पढ़े चमत्कार देखे-
Hanuman Chalisa Padhe Chamatkar Dekhe आप परेशनियों से घिरे है मंदिरों में गए , मस्जिदों में गए बाबाओं से मिले ज्योतिषी से भी दो चार हुए यानि मंदिर, मस्जिद ,दरगाह, बाबा, ज्योतिष, गुरु, देवी-देवता आदि सभी जगहों पर गए लाभ नहीं मिला , सभी जगह भटके कोई शांति नहीं मिली , कष्ट दूर नहीं हुए , परेशानी दूर नहीं हुई , दर दर भटकने के बाद भी कोई सुख शांति नहीं मिली और संकटों का कोई भी समाधान नहीं हुआ। शरीर क्षीण हो रहा है।
तो आप परेशान होते हुए भी परेशानन हो। सच्चे मन से केवल और केवल हनुमान जी की भक्ति कीजिये, Hanuman Chalisa पढ़े , आपके सारे कष्ट कुछ ही समय में ही दूर हो जायेंगे। हनुमान भक्ति , हनुमान आराधना ,Hanuman Chalisa ही परेशानियों से बचा सकती है कष्टों को दूर कर सकती है।
हनुमान जी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अनन्य भक्त है। हनुमान जी कष्टों को हरने वाले है। यदि आप अपने कष्टों को ,परेशानियों को दूर करना चाहते है तो अभी से हनुमान भक्ति करना,Hanuman Chalisa पढना शुरू कर दे , हनुमान आराधना करना शुरू कर दे। Hanuman Chalisa पढ़े कष्टों से मुक्ति पाएं।
Hanuman Chalisa परेशानियों को दूर करने का एक अचूक उपाय है।
जो लोग हनुमानजी की कृपा पाना चाहते है उन मनुष्य को प्रतिदिन संध्यावंदन के साथ हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa ) का पाठ करना ,Hanuman Chalisa पढ़ना चाहिए। संध्यावंदन घर में करे या मंदिर में करे , सुबह करे या शाम को करे , लेकिन संध्यावंदन करे। हनुमान जी कृपा जरूर मिलेगी ।
शास्त्रों में कहा गया है , शास्त्रों में वर्णन है कि कलयुग में हनुमानजी की भक्ति करना सबसे जरूरी, हनुमान भक्ति को सबसे उत्तम बताया गया है। हनुमान भक्ति और शक्ति को जानते हुए भी लोग ,अधिकतर मनुष्य भटके हुए है। भटके हुए मनुष्यों को राह दिखाना , भक्ति और आराधना के लिये प्रेरित करना उन्हें सही मार्ग बताना भी पुण्य है।Hanuman Chalisa पढ़े
अत: नित्य प्रति सुबह और शाम के समय पवित्र मन से ,पवित्र भावना से और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पाठ करे , हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमान जी की अवश्य कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी की कृपा हमें हर तरह की परेशानियों ,जानी-अनजानी विपदाओं और अनहोनी से बचाती है।
तो चलिए हनुमान चालीसा का पाठ करे।
श्री हनुमान चालीसा
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
Ayodhya Nagari me Bhavy Deepotsav
एक सच्चाई जो वेबदुनिया पर प्रकाशित है-
हनुमानगढ़ी अयोध्या मंदिर के जीर्णोद्धार और नयापन देने के पीछे की एक कहानी है। सुल्तान मंसूर अली लखनऊ और फैजाबाद का प्रशासक थे । सुल्तान का एकलौटा पुत्र बीमार पड़ गया। वैद्य और डॉक्टरों के दवरा काफी इलाज करने के बाद भी वह ठीक नही हुआ तब सुल्तान ने हनुमान जी की शरण ली।
सुल्तान ने आंजनेय के चरणों में अपना माथा रख दिया। उसने हनुमान से विनती की और तभी चमत्कार हुआ कि उसका पुत्र पूर्ण स्वस्थ हो गया। उसकी धड़कनें फिर से सामान्य हो गईं। सुल्तान का पुत्र ठीक हो गया। Hanuman Chalisa पढें।
तब सुल्तान ने खुश होकर अपनी आस्था और श्रद्धा को मूर्तरूप दिया। उसने पुराने और जीर्ण-शीर्ण हो चुके मंदिर को विराट रूप दिया और 52 बीघा जमीन हनुमानगढ़ी और इमली वन के लिए उपलब्ध करवाई। 300 साल पूर्व संत अभयारामदास के सहयोग और निर्देशन में यह विशाल निर्माण संपन्न हुआ।
Hanuman Chalisa परेशानियों को दूर करने का एक अचूक उपाय है।Hanuman Chalisa पढ़े कष्टों से मुक्ति पाएं।
श्री बजरंग बाण का पाठ-
दोहा :
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
चौपाई :
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥
दोहा :
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
हनुमान जी के 12 चमत्कारिक नाम
1. हनुमान हैं (टूटी हनु).
2. अंजनी सूत, (माता अंजनी के पुत्र).
3. वायुपुत्र, (पवनदेव के पुत्र).
4. महाबल, (एक हाथ से पहाड़ उठाने और एक छलांग में समुद्र पार करने वाले महाबली).
5. रामेष्ट (राम जी के प्रिय).
6. फाल्गुनसख (अर्जुन के मित्र).
7. पिंगाक्ष (भूरे नेत्र वाले).
8. अमितविक्रम, ( वीरता की साक्षात मूर्ति)
9. उदधिक्रमण (समुद्र को लांघने वाले).
10. सीताशोकविनाशन (सीताजी के शोक को नाश करने वाले).
11. लक्ष्मणप्राणदाता (लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले).
12.. दशग्रीवदर्पहा (रावण के घमंड को चूर करने वाले).
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