Incomplete love: लवली ने अपनी इच्छा कैसे पूरी की।
1- Incomplete love : लवली और प्रेम
Incomplete love : लवली और प्रेम अच्छे दोस्त थे वह एक ही स्कूल में पढ़े थे। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद दोनो अलग अलग हो गये थे। इस समय दोनो की उम्र 17 और 18 के आस पास थी।
अलग होने के बाद उनकी कोई मुलाकात नही हुई, दोनो की जॉब करने लगे थे और उनकी शादी भी हो गई थी दोनो पुत्र रत्न मिल चुके थे।
2- अचानक मुलाकात
करीब 10 साल के बाद लखनऊ शहर में लवली की नजर प्रेम पर पड़ी उसने प्रेम को आवाज देने की कोशिश की, फिर सहम गयी क्योंकि वह अपने पति के साथ थी। तब तक प्रेम लवली को देख चुका था। देखा देखी हुई लेकिन कोई बात नही हो पायी लेकिन इसी बीच में जाते जाते लवली ने प्रेम को कुछ ईसारा जरूर किया।
प्रेम शाम को आया और रात सोने के लिए लेटा तो उसे स्कूल के समय दिनचर्या याद आगई और जो आपस मे इसारे करते थे वह याद आ गए और प्रेम लवली का इसारा समझ गया।
लवली का वह संकेत कल इसी जगह पर इसी समय मिलने के लिए था।
अगले दिन प्रेम उसी जगह गया जहां उसने उसे देखा था। प्रेम संकेत के अनुसार 10 मिनट देर से पहुंचा , उसने देखा कि लवली वहां पर पहले से ही खड़ी है आज वह अकेली आयी थी।
दोनो की मुलाकात हुई एक दूसरे का हाल चाल पूछा , फिर प्रेम ने कहा चलो कही बैठते है लवली ने हामी भरी और दोनो पास के ढाबे में चले गए। पढ़े प्रेम क्यों जरुरी है
वहां पर चाय पिया और नई पुरानी सभी बाते हुई।
और इसके बाद उनका समय के अंतराल में मिलना शुरू हो गया। क्योंकि प्रेम वही लखनऊ में रहता था मिलने वाले स्थान से करीब 100 मीटर की दूरी पर और लवली भी वहां से 1 किलोमीटर की दूरी पर रहती थी। लवली का पति यही नौकरी करता था।
उनकी कई मुलाकातें हुई और अगली मुलाकात के लिए उन्होंने स्थान बदला ,एक होटल में खाना खाने का प्लान किया अगले दिन दोनो अपने अपने काम से फ्री होकर होटल में पहुच गए और बहुत खुश नजर आ रहे थे , खुश क्यों न हो , जो कि आज कुछ नया होनेवाला था।
दोनो ने खाना खाया सुख दुख शेयर किए ।ढेर सारी बातें किया , काफी का आनंद लिया मस्ती से आइसक्रीम भी खायी और मदमस्त होकर कुछ देर के लिए कमरे में बंद हो गये , जमकर आलिंगन किया प्यार का एंड लिया और आज एक नए पति पत्नी बन गए। आज दोनों ने कुछ समय में जन्नत की सैर कर लिया इसके बाद अपने पाने घर रवाना हो गए।
प्रेम इस के साथ अपने कम पर चला गया लेकिन उसके दिमाग में कुछ समय पहले दृश्य घूम रहा था “उसे याद आया कि स्कूल समय में जब भी वह पहले लवली से मिलता था, उसका दिन अच्छा जाता था, कुछ न कुछ नया होता था।
शाम को जब प्रेम घर लौटा, तो वह बिल्कुल सामान्य लग रहा था जैसे कि कुछ हुआ ही न हो, लेकिन वास्तव में कुछ हुआ था। आज, लवली और प्रेम के बीच क्षण भर के लिए वे अपने लिए जीने की सारी जिम्मेदारियां भूल गए। कोई टोकने वाला नही था, शिकायत करने वाला नहीं था, यदि को देख रहा था तो केवल इश्वर।
इस दिन ने उन्हें वर्षों की सांसारिक जिंदगी से राहत दी थी। भले ही कुछ घंटों के लिए ही सही , इस होटल की मीटिंग ने उनके रुके हुए रिश्ते को फिर से जीवंत कर दिया था। होटल से निकलने से पहले, एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एक-दूसरे से फिर से अपने लिए समय चुराने का वादा किया.. उन भावनाओं को जीवित रखने के लिए जो ज़िम्मेदारियों से दूर हो रही थीं… हां, आज उन्होंने एक होटल में छिपकर मिलने का फैसला किया था और इस मुलाकात ने उन्हें सिखाया कि कभी-कभी अपने लिए खुशी के पल चुराना पाप नहीं है।
दो हफ्ते बाद, प्रेम और लवली एक बार फिर एक कैफे में बैठे थे, लेकिन यह समय अलग था, क्योंकि एक ही जगह बार-बार जाना ठीक नहीं था… अगर वे पकड़े गए तो क्या होगा? शादीशुदा जिंदगी के लंबे सफर में पति-पत्नी के बीच एक समय ऐसा आता है जब वे एक-दूसरे को छोड़कर बाकी सभी पर ध्यान देने लगते हैं और एक-दूसरे की बजाय दूसरों को समय देने लगते हैं। शायद कुछ रिश्तों के लिए ऐसा करना ठीक है, लेकिन पति-पत्नी के लिए यह उनके रिश्ते के अंत की शुरुआत का प्रतीक है।
वे किसी के दामाद, बहू, भाई, भाभी और माता-पिता तो बन जाते हैं, लेकिन सिर्फ पति-पत्नी ही बनकर रह जाते हैं। इसलिए पति-पत्नी के इस रिश्ते को जिंदा रखें… जिम्मेदारियां निभाएं, लेकिन सिर्फ दूसरों के प्रति ही नहीं, इस रिश्ते को खुशहाल बनाना भी जरूरी है और इसके लिए रिश्तों में ताजगी आना बहुत जरूरी है। विविहित जीवन को रिफ्रेस करते रहे और जीवन का आनन्द ले।