Power of Attorney के बदले नियम / नहीं करा पाएंगे 50 रुपये में मुख्तारनामा । अब Power of Attorney यानी (मुख्तारनामा ) करना आसान नहीं ,अब परिवार के लोग केवल रुपये 5000/ में करा सकेंगे मुख्तारनामा। पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है? मुख्तारनामा के प्रकार। उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीनी खरीद फरोख्त में power of attorney के नाम पर हो गोरख धंधे को रकने के लिए सख्त नियम बना दिया है जाने क्या है मुख्तारनामा के नए नियम।
Power of Attorney मुख्तारनामा क्या है?
Power of Attorney (मुख्तारनामा) यदि आप किसी को देते हैं, तो उस व्यक्ति के पास आपकी ओर से कुछ कानूनी और वित्तीय व्यावसायिक निर्णय लेने का अधिकार होता है। NRI प्रवासी भारतीयों में पावर ऑफ़ अटार्नी की तो आम बात है। वह अपना Power of Attorney अपने किसी एक विश्वासपात्र व्यक्ति को दे देता है ताकि वह अपने मूल देश में अपना व्यवसाय संभाल सके और पैसे कमा सके । वोह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वह विदेश से बार-बार भारत की यात्रा नहीं कर सकता है।
इसके आलावा देश के भीतर भी लोग Power of Attorney अपने विशवास्पात्र व्यक्ति को दे देते है। यह वे लोग होते है जो लोग ज्यादा उम्र या किसी बीमारी की वजह से कहीं भी अकेले जा नहीं पाते या चलने फिरने में असमर्थ हो जाते है। यदि किसी व्यक्ति के पास बहुत सारी संपत्ति है, जैसे कि एक व्यापारी या राजनेता, तो उसके पास अपने बहुत से काम करने का समय नहीं होता है। ऐसा व्यक्ति व्यक्ति कोपावर ऑफ़ अटार्नी देता है या यू कहिये वह अपना एक प्रतिनिधि बनाता है।
लेकिन काफी समय से लोग अपनी अचल संपत्ति को बेचने के लिए Power of Attorney का प्रयोग करते है। जो कि एक व्यवसाय के रूप में काफी फ़ैल चुका है। Power of Attorney कइ जरिये जमीन का व्यवसाय करने वाले लोग , रियल स्टेट का काम करने वाले लोग बहुतायत से करते है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और आम जनता के साथ धोखा भी हो रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीनी खरीद फरोख्त में power of attorney के नाम पर हो गोरख धंधे को रकने के लिए सख्त नियम बना दिया है जाने क्या है power of attorney यानी मुख्तारनामा के नए नियम।
क्या है Power of Attorney का नया नियम-
* उत्तर प्रदेश में अब पावर ऑफ अटार्नी (यानी मुख्तारानमा) के तहत अचल संपत्ति की बिक्री के लिए, बाजार मूल्य (परिसंचरण दर) के आधार पर स्टांप शुल्क का भुगतान किया जाना है, जो कि जमीन की खरीद होने पर रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क लगाने का प्राविधान है। इस नियम के लागू होने के पहले जो धांधली चल रही थी वह अब नहीं चल पायेगी। अब रूपये 50/ के स्टांप शुल्क का भुगतान करके power of attorney नहीं कराई जा सकती है।
* हालांकि, अगर परिवार के सदस्य खुद पावर ऑफ अटॉर्नी करते हैं, तो उन्हें स्टांप ड्यूटी देने की जरूरत नहीं है और पावर ऑफ अटॉर्नी को पंजीकृत करने के लिए केवल 5,000 रुपये का भुगतान करना होगा।
* सरकार ने यह कदम जमीन जायदाद की अवैध खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए उठाया है। पिछले कई वर्षों में राज्य में पावर ऑफ अटॉर्नी की पंजीकरण की संख्या में लगातार वृद्धि जारी है। विशेषकर उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बड़ी संख्या में जमीन का लेन-देन (power of attorney) मुख्तारनामा के आधार पर किया जाता है।
*मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुक्ताखरनामा पर स्टांप शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया। मुख्तारनामा वास्तविक संपत्ति को बेचने का अधिकार प्रदान करना है। पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता के लिए लोग वैसे भी पंजीकरण करा लेते हैं। जमीन का व्यवसाय करने वालों के लिए अचल संपत्ति के अवैध खरीद-फरोख्त का power of attorney करना मुख्य हथियार बन चुका है।
पारिवारिक सदस्यों के नाम Power of Attorney–
यदि परिवार के सदस्य आपस में मुख्तारनामा करते हैं, तो उन्हें स्टांरप ड्यूटी की जगह पांच हजार रुपये (5000/) ही अदा करने होंगे. जैसे पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधु, पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र पौत्री, नाती, नातिन को परिवार का सदस्य माना गया है।
Power of Attorney में कितना स्टाम्प लगेगा-
Power of Attorney में कितना स्टाम्प लगेगा–
संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर एक विलेख की तरह पावर ऑफ अटॉर्नी पर मुहर लगाई जाएगी। मंत्रिपरिषद के एक निर्णय में पावर ऑफ अटार्नी पर स्टाम्प शुल्क के भुगतान की स्वीकृति दी गई है। लखनऊ में इस नियम के तहत महिलाओं को रजिस्ट्रेशन के समय जमीन की सरकारी कीमत का 6 फीसदी जबकि पुरुषों को 7 फीसदी स्टांप ड्यूटी देनी होती है। अलग अलग जिलों के में यह शुल्क दर भिन्न हो सकती है। अचल सम्पति की रजिस्ट्री के लिए लागू शुल्क ही power of attorney मुख्तारनामा के पंजीकरण पर लागू होगा। अभी तक इसकी कीमत 50 रुपये हुआ करती थी।
मुख्तारनामा Power of Attorney के प्रकार-
पावर ऑफ़ अटॉर्नी दो प्रकार की है
1. General Power of Attorney
2. Special Power of Attorney
सामान्य प्राधिकार प्रतिनिधि General Power of Attorney):
सामान्य प्राधिकार प्रतिनिधि एक नियुक्ति होती है जिसमें एक व्यक्ति (प्रधान) दूसरे व्यक्ति (प्रतिनिधि) को सामान्य रूप से अपने प्रतिनिधित्व के लिए अधिकार देता है। प्रतिनिधि इस प्राधिकार के अंतर्गत विभिन्न कार्य कर सकता है, जैसे कि वित्तीय मामलों का प्रबंधन, संपत्ति की खरीद या विक्रय, कानूनी मामलों में प्रतिनिधित्व आदि।
विशेष प्राधिकार प्रतिनिधि (Special Power of Attorney):
विशेष प्राधिकार प्रतिनिधि (Special Power of Attorney): विशेष प्राधिकार प्रतिनिधि एक नियुक्ति होती है जिसमें प्रधान व्यक्ति निश्चित और सीमित क्षेत्र में किसी विशेष कार्य के लिए प्रतिनिधित्व का अधिकार देता है। यह प्राधिकार एक निश्चित कार्य के लिए होता है।
power of Attorney और रियल एस्टेट–
संपत्ति खरीदते या बेचते समय, संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करने के लिए मुख्तारनामा एक प्रभावी साधन नहीं है। संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करने के लिए एक संपत्ति विलेख पर हस्ताक्षर किए जाने चाहिए, जिसके बाद खरीदार को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा। विक्रेता को लेन-देन पर पूंजीगत लाभ भी वहन करना होगा। सामान्य मुख्तारनामा के माध्यम से संपत्ति के स्वामित्व का हस्तांतरण में इन समस्याओं से बचा जाता है। विक्रेता के दृष्टिकोण से, साधारण मुख्तारनामा से लेन-देन को आगे बढ़ने में सरलता होती है।
कानूनी रूप से कृषि भूमि को आवासीय उपयोग के लिए परिवर्तन के बिना नहीं बेचा जा सकता है। लेकिन अन्य कानूनी प्रतिबंध हैं जो मालिकों को सामान्य पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से बेचने के लिए प्रेरित करते हैं। कुछ मामलों में, परिवार के सदस्य सामान्य पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से संपत्ति के अधिकार प्राप्त करते हैं।