Romantic Love Story 03 in Registan:रोमांटिक लव स्टोरी पार्ट 03 रेगिस्तान में जन्म लेती है जिसमे एक युवक को उसी की तरह भटकती हुई एक महिला मिल जाती है और उस बीरान इलाके में दोनो में प्यार हो जाता है आगे की कहानी पढ़े और आनंद ले। www.rajjansuvidha.in
रेगिस्तान में रोमांटिक प्रेम कहानी-
एक सुन सान रेगिस्तान था, जहां तपती धूप होती थी और दिन जलते रहते थे। वहां एक युवा आदमी था नाम विक्रम था , जो वहां के गांव में रहता था। विक्रम की जिंदगी बेजान समान थी, कोई रस नहीं था जो रेगिस्तान की तपती धूप में बिना किसी मायने की थी।
एक दिन विक्रम रेगिस्तान में घूमते हुए एक गहरे छाले में गिर गया। जो सुनसान जगह पर एक गहरे रंग की घाटी थी, जहां धूप की छांव में बैठने का एक सुनहरा मौका था। विक्रम वहां बैठ गया वहां बैठ कर उसने आसमान की ओर देखा, तो उसकी आँखों में एक चमक दिखाई दी।
उसे वहां आती हुई एक महिला दिखायी दी जिसका नाम था मिताली, जो एक यात्री के साथ साथ शोधक थी वह भी रेगिस्तान की गर्मी से परेशान थी। वह भी विक्रम की ओर देखते हुए उसकी तरफ चल दी।
Romantic Love Story 03 in Registan में प्यार की चिंगारी-
उस छायायुक्त सुनहरी घाटी में दोनों ने एक-दूजे को देखा और एक-दूजे की आँखों में प्यार की चमक देखकर दोनों के दिल धड़कने लगे।क्योकि वह काफी समय से किसी मनुष्य को नहीं देखे थे। वे एक दूसरे के पास गए और बिना कुछ कहे बस एक दूसरे की आँखों में गहराई से देखते रहे। समय ठहरता रहा, धूप ढलती गई और सुनहरी छांव बढ़ती गई। वे दोनों ने एक दूसरे के साथ बिना किसी शब्द के बातचीत किए, सिर्फ आँखों में अपनी भावनाओं को बयां किया।
मिताली ने विक्रम की हाथ में एक बोतल पानी दी, जो उसके पास थी, और विक्रम ने उसकी आंखों में धीरे से धीरे प्यार भरी नजरें डाली। वे बिना किसी शब्द के एक दूसरे के करीब आ गए और उनके होंठ हिलने लगे । (Read Romantic Love Story 03 in Registan)
धीरे-धीरे वे दोनों एक दूसरे के साथ नजदीक आ गए और उनकी हँसी आसमान को चूम गई। धूप गिरती रही, लेकिन दोनों के बीच की गर्मी बढ़ती गई।
विक्रम ने मिताली की हथेली में अपना हाथ रखा और उसके होंठों को चूम लिया। मिताली ने भी अपने होंठ विक्रम के होंठों में चिपका दिया और दोनों की आँखों में प्यार भरी जलन दिखाई दी।
Romantic Love Story 03 in Registan प्रेम कहानी की शरुवात-
दोनों एक दूसरे को गले लगा लिया और रेगिस्तान में उनकी प्यार भरी कहानी शुरू हो गई। वे एक दूसरे के बाहों में लिपटे रहे, सूरज ने अपनी गार्मी से उनकी त्वचा को झलका दिया। दोनों ने अपने आपको इस पल की गहराई में खो दिया था। Romantic Love Story 03 in Registan
विक्रम ने अपनी आँखें बंद कर ली और मिताली ने उसकी आँखों में अपनी आँखें डाली थीं। उनके दिल संगीत की तरह धड़कने लगे, वे एक दूसरे के साथ एक मिठी और अनुभवशील प्यार की यात्रा पर थे, जिसमें वे एक दूसरे की दुलहन और दूल्हे थे, और रेगिस्तान उनकी शादी की महान वेदी थी।
धीरे-धीरे सूरज गिरता रहा और रेगिस्तान की रेत ठंडी होती गई, लेकिन दोनों के बीच का प्यार गर्मी से भरा था । वे एक दूसरे की आँखों में गहराई से देख रहे थे, जैसे यह एक अनंत आकाश की कहानी थी, जो बिना किसी शब्द के सुनाई दे रही थी।
धीरे-धीरे रेगिस्तान में रात ढल गई, और चाँदनी रोशनी बिखर गई। विक्रम और मिताली ने एक दूसरे की आँखों में गहराई से देखा, और फिर उनके होंठ आपस में मिल गए। उनकी होंठों का स्पर्श उनके दिल को तसल्ली दे गया, जैसे एक आग की बुझती हुई आशा को फिर से जला दिया गया हो।
विक्रम ने मिताली के चेहरे को हलके से छूने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनकी आँखों में चाँदनी की चमक थी और रेगिस्तान की चुप्पी ने उनकी बातों को और मिठा दिया था ।
मिताली ने अपनी आँखों में विक्रम की आँखों में घुलती हुई चाँदनी को देखा। उनकी दिल की धड़कन तेज हो गई, दोनों ने एकदूसरे के होंठों को फिर से चूम लिया। वे एक दूसरे को गहरी नजरों में देख रहे थे, और उनकी सांसों में प्यार की महक घुल रही थी।
वे एक दूसरे के नजदीक आ गए और गले मिल गए। रेगिस्तान की रेत ने उनकी आंखों में चमक डाली, और चाँदनी ने उनके बालों में चमक फैलाई। वे दोनों एक दूसरे के आसपास घूम रहे थे, सिर्फ अपनी आंखों में एक दूसरे की प्रतीक्षा और आत्म-आनंद के लिए समय बिता रहे थे।
विक्रम ने अपनी आँखों में मिताली को देखा और धीरे-धीरे उसके होंठों की ओर झुक गया। मिताली ने उसकी आंखों में देखा और उसकी हरकतों को समझ गई। वे अपने होंठों से उसके होंठों को स्पर्श करते हुए उसके कंधों पर अपना हाथ रख दिया।
Romantic Love Story 02 हितेश और सविता की प्रेम-
मिताली ने अपने हाथों से विक्रम के बालों को सहलाते हुए कहा, “तुम यहां कैसे आ गए?”
विक्रम ने एक मुस्कान देते हुए कहा, “मैं तुम्हें ढूँढ रहा था। तुम्हें मेरी याद आ रही थी और मैंने फिर से तुम्हें देख लिया। मैंने सोचा कि तुम्हारे बिना यह रेगिस्तान सूना था, इसलिए मैं तुम्हारी तलाश में यहां आ गया।”
मिताली ने विक्रम की आँखों में देखा और कहा, “तुमने मुझे ढूँढ लिया। तुम्हें मेरी याद आ रही थी?”
विक्रम ने अपने होंठों से मिताली के होंठों को छुआ और कहा, “हाँ, तुम ही मेरी दुल्हन बनी थी, मेरी जीवन संगिनी थी । तुम्हें छोड़कर मेरा जीना अधूरा था। यहां रेगिस्तान में तनहा रहकर मेरी तन्हाई ने तुम्हारी यादों से भर दिया था।”
दोनों ने एक दूसरे के आसपास बांहें बांध ली और रेगिस्तान में चमकते हुए तारों को देखते रहे। वे दोनों अपने भावों को अपने आंगन में भर रहे थे और एक दूसरे की आँखों में बसी चमक को समझ रहे थे।
रेगिस्तान में बीते एक रोमांटिक रात के बाद, सूरज ने फिर से अपनी पहली किरणें फैला दीं। विक्रम और मिताली ने आपस में एक दूसरे की आँखों में देखा और एक दूसरे को हंसी से देखा।
विक्रम ने अपने होंठों पर उंगली रखी और कहा, “मेरी प्यारी जान, तुमसे मिलकर मेरा दिल बहुत खुश है। यह रेगिस्तान और ये तारे हमें याद दिला रहे हैं कि हमारी प्यारी यात्रा अभी शुरू हुई है।”
मिताली ने स्नेह से उसका हाथ पकड़ा और कहा, “हाँ, विक्रम, यह रेगिस्तान हमारी प्यारी यात्रा की शुरुआत है। हम दुल्हन बनकर एक दूजे के साथ यहां अपनी जीवन संगिनी के सपने देखेंगे।”
विक्रम ने मिताली की आँखों में गहराई से देखा और फिर उसने उसे अपनी आँचल में लपेट लिया। दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा और होंठों को मिलाया। Romantic Love Story 03 in Registan
उनकी गहरी नजदीकियों में दोनों के बीच प्यार और आपसी समझ थी। रेगिस्तान में धीरे-धीरे रात बिताते गए और उनकी प्यार भरी यात्रा जारी रही।
धुंदली आँधी उनके बालों को हल्के-हल्के झटके देती रही, लेकिन वे एक-दूसरे की आंखों में चमक देखते रहे। रेगिस्तान में उनकी जीवन संगिनी यात्रा रोमांटिक और आपूर्ति भरी थी।
एक रात जब चाँदनी रात की रौशनी में विक्रम और मिताली ने एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए गुजारी। रेगिस्तान की गर्मी बढ़ती जा रही थी, लेकिन उनके बीच का प्यार उन्हें ताजगी और ऊर्जा दे रहा था। वे एक दूसरे की आँखों में खुशी और प्यार देख रहे थे। Romantic Love Story 03 in Registan
एक दिन जब रेगिस्तान की धूप ने अपनी गर्म छांव में रुकने की दावत दी, विक्रम और मिताली ने एक छोटे से छाते के नीचे बैठकर आपस में और नजदीकियां बढ़ाई।
मिताली ने विक्रम की आँखों में देखा और कहा, “तुम्हारी आँखों में मेरे लिए कितना प्यार है, विक्रम। विक्रम ने कहा , तुम मेरी जान हो, मेरी दुल्हन बनकर मेरी जीवन संगिनी बनकर मेरी रौशनी हो।”
विक्रम ने उसके होंठों पर एक चुम्बन दिया और कहा, “तुम्हारे बिना मेरी ज़िंदगी एक रेगिस्तान की तरह सुनी थी, मिताली। तुम मेरी धूप हो, मेरी ठंडी हवा हो, मेरी जान हो।”
दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे और उनकी आँखों में प्यार और विश्वास की चमक थी। वे एक-दूसरे की बाहों में खो गए थे, सिर्फ रेगिस्तान की रौशनी और छाता के छायामें, और ना कोई अन्य आवाज़ थी , ना कोई दिखावा, सिर्फ वे दोनों थे, एक-दूसरे के लिए पूरी दुनिया में ।
विक्रम ने मिताली की आँखों में गहराई से देखा और कहा, “मेरी प्यारी मिताली, तुम्हारे बिना मेरा दिल रेगिस्तान की तरह सुना है। तुम मेरी सुख-दुख की वजह हो, मेरी हर खुशी की वजह हो।”
मिताली ने विक्रम के होंठों पर एक प्यारी मुस्कान देकर कहा, “तुम्हे पता है, विक्रम, मैं तुमसे किसी और से नहीं मिलने देना चाहती। तुम मेरे दुल्हे बनोगे और मैं तुम्हारी दुल्हन बनूंगी। हम दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं, सिर्फ एक-दूसरे की खुशी की वजह से जीने के लिए।”
विक्रम और मिताली ने एक-दूसरे को आपस में बांध लिया था, जैसे वे दोनों एक ही आत्मा के दो अलग-अलग शरीर थे। रेगिस्तान की धूप ने उनकी बाहों में गर्माहट बढ़ा दी थी, कपकपाते होंठों और थरथराती हुई आँखों को देखकर विक्रम ने मिताली को अपनी आँखों में लिए गहरी से नजर डाली। उनकी सांसें तेज हो गई थीं, दिल धड़कने लगा था, और रेगिस्तान की गर्मी उनकी जननी जन्मभूमि में आग लगा रही थी।
धीरे-धीरे विक्रम ने मिताली के होंठों पर अपने होंठ रखे और वे दोनों एक-दूसरे से लिपट गए। उनकी होंठों की मिठास और आँखों की गहराई ने एक नई बात शुरू कर दी थी, एक नई प्यार की कहानी रेगिस्तान में बन रही थी। Romantic Love Story 03 in Registan
विक्रम ने मिताली को समीप खींचा और उनकी होंठों को चूमते हुए कहा, “तुम्हारी गर्मी मेरी जान में बस गई है, मेरी प्यास तुमसे बुझ गई है, मेरे दिल की आहट तुमसे मिल गई है। मेरे लिए तुम ही समुंदर की तरह हो, जो मेरी रूह को शांति दे सकती हो ।”
मिताली ने विक्रम को गहरी नजरों से देखा और कहा, “तुम मेरी रौह को छू गए हो, विक्रम, तुम्हारी आँखों में मेरी आत्मा को बहुत शांति और सुकून मिल गया है। मेरी जीवन में तुमने नई उलझन, नई उत्सुकता और नई खुशियाँ डाल दी है। तुम्हारे साथ यह रेगिस्तान भी स्वर्ग से कम नहीं है।”
दोनों ने एक दूसरे को आपस में गले लगा लिया और रेगिस्तान में उनका प्यार बड़ी तेजी से बढ़ता गया। वे एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और समय थम गया था, सिर्फ उनके लिए दुनिया में वे दोनों ही मौजूद थे।
धीरे-धीरे रात ढल गई और चाँदनी रेगिस्तान को सजा रही थी। विक्रम ने मिताली को अपने बाहों में लिया और वे दोनों एक नई दुनिया में खो गए, जहां सिर्फ प्यार और खुशियों की बात थी।
रेगिस्तान की गर्मी उनकी जीवन में नई उर्ज और जोश भर गई थी। वे एक दूसरे की आँखों में इशारों से बातें करते रहे, भावुकता से भरी आँखों से देखते रहे थे । रेगिस्तान में धीरे-धीरे रात दिन बिताते गए और दोनों के बीच दोस्ती और प्यार की बात बढ़ती गई। Romantic Love Story 03 in Registan
एक दिन रेगिस्तान में एक छोटी सी चाट पर विक्रम और मिताली बैठे थे। वे समय के मध्यम से चल रहे थे, परंतु उनकी आंखों में एक दूसरे की तलाश थी। विक्रम ने अपनी हाथों में मिताली का हाथ लिया और उसकी आँखों में गहरा प्यार देखा।
विक्रम (हंसते हुए): “तुम्हारी आँखों में वो चमक है जो मेरी दुल्हनिया में थी। मेरी जान, तुमसे मोहब्बत करने से मेरी दुल्हनिया को भी जलन हो गई होगी।”
मिताली (हंसते हुए): “तुम्हारी बातों में हमेशा वो मस्ती रहेगी जो तेरी दुल्हनिया को भी बहुत पसंद थी। तुमसे प्यार करने से तेरी दुल्हनिया भी खुश हो गई होगी।”
दोनों एक दूसरे को गले लगा लिए और रेगिस्तान में एक नयी सुबह की शुरुआत हो गई
विक्रम और मिताली ने एक दूसरे के आँचल में सर झुका कर एक दूसरे की आँखों में गहरी नजदीकियों को महसूस किया। उनके चेहरों पर मुस्कान थी जो रेगिस्तान को भी रौमानियों से भर दिया था। वे अपनी दिल की बातें एक दूसरे को बिना कुछ कहे समझ गए थे।
विक्रम (नजदीक आकर): “तुमसे मिलकर मेरे जीवन में रोमांटिक संगीत बज उठा है, जैसे किसी एकांत जगह पर हमारा कोई नहीं है।”
मिताली (हंसते हुए): “हाँ, वैसे ही मेरे दिल में एक अनूठी धुन है, जो तुम्हारे बिना अधूरी है। तुम्हारे बिना यह रेगिस्तान भी सुना सा लगता है।” Romantic Love Story 03 in Registan
दोनों ने एक दूसरे की आँखों में खो जाते हुए अपने होंठों को मिलाते है। वे एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे, परंतु रेगिस्तान ने भी उनकी खुशियों को नहीं बाधा दी।
विक्रम और मिताली ने एक-दूजे के लिए दिल में जगह बना ली थी, और रेगिस्तान था उनकी आपसी मोहब्बत की गवाह। वे अपनी आपसी बातचीत में खो गए थे, जबकि धूप उनके चेहरों को गले लगा रही थी और हवा उनके बालों को हल्की सी लहरों में हिला रही थी। रेगिस्तान की गर्मी भी उनकी जोड़ी की आपसी मिलन को नहीं हरा पा रही थी।
धीरे-धीरे विक्रम ने मिताली के होंठों पर चुम्बन दिया, जो मिताली की हृदयगति को बड़ी गहराई से छू गया। मिताली ने अपने होंठ विक्रम के होंठों को मिला लिया और उनकी आँखों में चमक देखकर विक्रम का दिल धड़कने लगा। उनकी दोनों आँखों में अपने प्यार का प्रतिबिंब था, जो रेगिस्तान के बीच में भी अनूठा था।
विक्रम: “तुम मेरी जान हो, मिताली। तुमसे मिलकर मेरे जीवन को एक नई रौनक मिल गई है।”
मिताली: “तुम भी मेरी जान हो, विक्रम। मेरे लिए तुम्हारे बिना यह रेगिस्तान भी बिना संज्ञा का जीवन है।”
दोनों ने एक दूसरे को गले लगाकर एक दूसरे की गर्मी को महसूस किया। रेगिस्तान की गर्म रेत भी धीरे धीरे उनके उपांगों को चुमती रही, जैसे वे एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। वे आपस में नजदीक आ गए और एक दूसरे की आँखों में गहरी आग में जलती हुई मोहब्बत देखी।
मिताली ने विक्रम के चेहरे को हल्की सी मुस्कान देकर कहा: “तुम्हारे बिना मेरी दुल्हनिया बनी यह रेगिस्तान भी बस रेगिस्तान है। तुमसे मिलने से पहले मेरे दिल में था सिर्फ तनहाई, अब वहां है तुम्हारी ज़िन्दगी।”
विक्रम ने बेहतरीन मुस्कान के साथ उत्तर दिया: “तुम्हारे बिना रेगिस्तान मेरे लिए बस एक सूखा टुकड़ा था, जो अब तुम्हारी मोहब्बत से हरा रंग धारण कर चुका है। मेरी जान हो, मिताली, तुम्हारे बिना रेगिस्तान भी बस एक बेहतरीन दृश्य है जहां हमारी प्यार की गहराई समुंदर से भी गहरी है।”
दोनों एक दूसरे को गले लगा लेते हैं और रेगिस्तान की गर्मी, रेत की बातों को भूल गए। वे एक दूसरे के होंठों पर चुम्बन लेते रहे और उनकी आँखों में प्यार और विश्वास उनके बीच की प्यार भरी वातावरण बदलती गई। सूरज अब पश्चिम की तरफ झुक रहा था और रेगिस्तान की रेत ने गर्मी छोड़ दी थी। वे एक दूसरे के साथ होंठ मिलाते रहे और आपस में विचरण करते रहे, नए एहसासों को अनुभव करते रहे।
वे आपस में गले लगाते रहे और रेगिस्तान की सुनहरी संगीतमय शाम ने उनकी प्यार भरी कहानी की अगली पन्नी शुरू कर दी। वे एक दूसरे के साथ हंसी और गले मिलाने के रोमांटिक रेगिस्तानी शाम का आनंद लेते रहे। दोनों ने एक-दूजे के साथ वक्त बिताने का लुत्फ उठाया, सैर किया और एक दूसरे की कंपनी में आनंद लिया। रेगिस्तान की रेत ने उनकी प्यार भरी कहानी को एक अनूठी और यादगार बना दिया।
धीरे-धीरे रात ढल गई और चांदनी रेगिस्तान को आँगन में भर गई। दोनों ने आपस में नजदीकियाँ बढ़ाते रहे और रेगिस्तान की ठंडी रेत में घुलते गए। विक्रम ने मिताली की होंठों पर होंठ रखा और उनकी आँखों में देखा। Romantic Love Story 03 in Registan
मिताली ने विक्रम के होंठों को चुमा और कहा: “तुमसे मिलकर मेरे चेहरे पर मुस्कान होती है, विक्रम। तुम मेरे जीवन में चांदनी की तरह चमक लाए हो।”
विक्रम ने मिताली की हर स्वर में अपनी दिल की धड़कन महसूस की और कहा: “तुम मेरी रौशनी हो, मिताली। बिना तुम्हारे मेरी रातें सुनी होती हैं।” Romantic Love Story 03 in Registan
दोनों आपस में नजदीकियाँ बढ़ाते रहे और एक दूसरे के आँगन में खिल रहे थे। रेगिस्तान की रेत ने उनकी जिंदगी में नई रौशनी डाल दी थी। विक्रम ने मिताली के बालों को हलके से सहलाते हुए कहा: “तुम्हारी आँखों में चांदनी है, और तुम्हारी मुस्कान में रेगिस्तान की ठंडी हवा है।”
मिताली ने विक्रम के होंठों पर अपने होंठ रखे और उसकी आँखों में देखा: “तुम मेरी आँखों में भरी चांदनी हो, विक्रम। तुम मेरे दिल की धड़कन हो।” Romantic Love Story 03 in Registan
दोनों ने आपस में गहरी नजदीकियाँ बनायीं और अपने आप में खो गए। रेगिस्तान की रौशनी और चांदनी ने उनकी प्यार भरी रात को और भी यादगार बना दिया।
विक्रम ने मिताली की आँखों में देखते हुए कहा: “मेरी जान, यह रेगिस्तान हमारी प्यारी यात्रा की गवाह है। यहां हमने एक-दूजे के प्यार को खोजा है, और यहां हमने एक-दूजे को अपनी आँचल में लपेटा है।”
मिताली ने विक्रम की आँखों में देखते हुए कहा: “हाँ, विक्रम, यह रेगिस्तान हमारी प्रेम कहानी की अनूठी जगह है। यहां हमने अपनी भावनाओं को खोजा है, और यहां हमने अपने दिल की बातें बिना शब्दों के समझी हैं।”
रेगिस्तान में विक्रम और मिताली ने एक-दूजे के साथ अनेक यात्राएँ कीं। वे चांदनी की रौशनी में मिलकर अपने जीवन के सबसे सुन्दर पलों को बिताते थे। रेगिस्तान की ठंडी हवाओं ने उनकी आँखों में अपनी जादू बिखेर दिया था। वे एक-दूजे के आसपास घूमते रहते थे, हर पल एक नई कहानी बनाते थे।
एक रात, विक्रम और मिताली ने रेगिस्तान में एक छोटी सी गुफा में ठहरने का फैसला किया। वे गुफा में घुसे और आपस में नजदीक बैठ गए। गुफा की छत से चांदनी की रौशनी में दोनों के चेहरे चमक रहे थे। विक्रम ने मिताली का हाथ पकड़ा और कहा: “तुम्हारे बिना यह रात अधूरी है, मिताली।”
मिताली ने हंसते हुए कहा: “हमारे बिना यह रात अधूरी नहीं, विक्रम। हमारी प्यारी यात्रा की रौशनी तो हमारे साथ है।”
विक्रम और मिताली एक-दूजे की आँखों में देखते रहे, और उनके होंठों में एक अनोखी चमक थी। वे एक-दूजे की आँखों में अपनी भावनाओं को पढ़ सकते थे, बिना शब्दों के समझ सकते थे। उनकी आसपास की गहरी चुप्पी भी उनकी जुबान की तरह काम कर रही थी।
विक्रम ने मिताली के करीब आकर उसके होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान छोड़ी और मिताली ने उसके होंठों को चूम लिया और फिर उनके बीच में एक गहरी आँखों की जुड़ावणी हुई। वे एक-दूजे के गले में लिपट गए और रेगिस्तान की चांदनी में एक दूसरे को चुपचाप देखते रहे और अंतरग हो गए ।
वक़्त ठहर गया था, रेगिस्तान की रात थम गई थी। वे अपनी आँखों में दिखते थे जैसे वक़्त भी उनकी जुड़ावणी को रोक रहा हो। वे एक-दूजे की आँखों में गहराई से देख रहे थे, और उनके दिल में प्यार की लहरें गूंज रही थी।
तभी विक्रम ने अपने होंठों से एक बिंदु को मिटा दिया और मिताली को एक सुनहरी अंगूठी पहना दिया। मिताली ने चौंकते हुए उस अंगूठी को देखा और फिर विक्रम की आँखों में एक सवाल पूछा। विक्रम ने मिताली के हाथ में थामे हुए अंगूठी को देखते हुए कहा, “क्या तुम मेरी जीवन संगिनी बनोगी?”
मिताली की आँखों में आँसू भर आये और उसने बिना कुछ कहे विक्रम को एक हां की इशारा कर दिया। विक्रम की आँखों में एक हंसी ने छिपी थी और वे एक-दूजे को गले लगा लिए। रेगिस्तान की चांदनी में उनका प्यार नई एक शुरुआत कर रहा था।
वे रेगिस्तान में घूमते रहे, हाथों में हाथ थामे, आँखों में आँखें डाले। दिन बिताते गए और रातें आती गई, पर उनका प्यार थमने वाला नहीं था। रेगिस्तान की गर्मी, धूप और रेत के बीच भी उनकी प्रेम की आग जलती रही।
एक दिन रेगिस्तान में जब रात थी, वे दोनों फिर एक छोटी सी गुफा में चले गए। गुफा की छत पर चांदनी की किरणें बरस रही थीं और वे दोनों गुफा के बाहर बैठे, एक-दूजे की आँखों में गहरी तपिश थी। धीरे-धीरे विक्रम ने मिताली का हाथ पकड़ा और उसे आपस में खींच लिया। मिताली ने अपनी आँखें विक्रम की आँखों में डाली और दोनों ने एक दूसरे के होंठों को महसूस किया।
गुफा में दोनों के बीच एक रोमांटिक वातावरण था। रेगिस्तान की सुनीली रात, चांदनी की रौशनी और विक्रम-मिताली का प्यार एक अद्भुत संगम बन गया था।
दोनों को एक दूसरे की जरूरत महसूस हो रही थी, और रेगिस्तान की चुपचापी में उनकी आँखों में सिर्फ प्यार था। वे एक दूसरे के करीब थे, और समय थम गया था जैसे कि दुनिया दूर थी और सिर्फ वे दोनों ही बचे थे।
विक्रम ने मिताली के सीने पर अपना सिर रखा और मिताली ने उसकी पीठ पर हल्की सी मुस्कान देकर उसे धन्यवाद दिया। वे दोनों समय की जानकारी नहीं रख पा रहे थे, और रेगिस्तान में उनकी प्यारी यात्रा अब तक चल रही थी। Romantic Love Story 03 in Registan
विक्रम और मिताली ने एक दूसरे के आँचल में आपस में गहरी नजदीकियों को बढ़ाते हुए अपनी आँखों में अपने भविष्य की एक धुंधली सी झलक देखी। वे आपस में हंसी और खुशियों से भरे थे, जैसे कि रेगिस्तान की गर्मी भी उन्हें प्रेरित कर रही थी। Romantic Love Story 03 in Registan
धीरे-धीरे सूर्य ने अपनी रौशनी बढ़ाते हुए रेगिस्तान को आगे बढ़ा दिया, विक्रम और मिताली ने अपनी यात्रा को जारी रखा। वे साथ में थे, हर कदम पर साथ थे, और रेगिस्तान की सौंदर्य उनके आसपास फैली थी।
अंततः, वे एक छोटे से गांव पर पहुंचे जहां उनकी यात्रा खत्म हुई। वे लोग एक दूसरे को धन्यवाद कहकर अलविदा कहने को तैयार थे, लेकिन उनकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।
मिताली ने विक्रम की हाथ में अपना हाथ डाला और वे दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा, जैसे कि वे एक नई शुरुआत के लिए तैयार हैं।दोने ने एकदूसरे को अलविदा कहने के बजाय एक साथ रहना चुना। इस तरह रेगिस्तान ने उन दोनों की रोमांटिस लव स्टोरी पार्ट ०३ प्यार की कहानी को पूरा कर दिया था
धन्यवाद! मैं खुश हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई। रेगिस्तान की गर्मी, मिताली और विक्रम की प्रेम कहानी को एक रोमांटिक और आकर्षक ढंग से पूरा किया गया। यदि आपके पास और किसी प्रकार की कहानी या पूछने या जानने की इच्छा है, तो कृपया बताएं! मैं आपकी सहायता के लिए यहां हूं।