UPI payment में बड़ा बदलाव – अब 500 से अधिक ट्रांजैक्शन पर देना होगा चार्ज

भारत की डिजिटल इकॉनमी में UPI (Unified Payments Interface) ने क्रांति ला दी है। लाखों लोग हर दिन इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब UPI payment में बड़ा बदलाव आया है। अगर आप एक महीने में 500 से ज्यादा UPI payment transactions करते हैं, तो उस पर चार्ज लगेगा। यह नियम आम उपभोक्ता से ज्यादा बिज़नेस और भारी-भरकम यूज़र्स पर असर डालेगा।

आइए विस्तार से समझते हैं ये दोनों बदलाव क्या हैं और इनका असर आम उपभोक्ता और व्यापारियों पर कैसा पड़ेगा।

UPI Payment क्या है और क्यों लोकप्रिय है?

UPI payment की शुरुआत 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने की थी। इसका मकसद था एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बनाना जिससे लोग तुरंत, सुरक्षित और बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डिजिटल लेनदेन कर सकें।

आज भारत में लाखों व्यापारी और उपभोक्ता इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। चाहे ₹10 की चाय का भुगतान हो या लाखों का बिज़नेस ट्रांजैक्शन — सबकुछ एक क्लिक में संभव है।

UPI payment नए नियम क्या कहते हैं?

UPI payment के नए नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति या व्यापारी एक महीने में 500 से अधिक UPI ट्रांजैक्शन करता है, तो अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर चार्ज देना होगा।

किन यूजर्स पर होगा असर?

  • बड़े व्यापारी और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म
  • भारी-भरकम फ्रीलांसर और एजेंसियां
  • UPI का अत्यधिक प्रयोग करने वाले ग्राहक

क्या बदलाव हुआ है?

  • ₹25,000 तक के IMPS ट्रांजैक्शन: पूरी तरह मुफ्त (कोई बदलाव नहीं)
  • ₹1,00,001 से ₹2 लाख तक: ₹6 + GST
  • ₹2,00,001 से ₹5 लाख तक: ₹10 + GST

👉 यह शुल्क केवल ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग IMPS ट्रांजैक्शन पर लागू होगा।

UPI payment का नया चार्ज किस तरह से लगेगा?

  • भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) भी अपने ग्राहकों के लिए नया नियम लेकर आया है।
  • बैंक और थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) इस चार्ज को लागू करेंगे।
  • छोटे व्यापारी जो सीमित लेनदेन करते हैं, उन पर कोई असर नहीं होगा। लेकिन बड़े व्यापारी, जो हजारों ट्रांजैक्शन करते हैं, उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।
  • ब्रांच ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव नहीं।
  • Income Tax Notice on Cash Transaction
  • SBI ने साफ किया है कि ब्रांच में किए गए IMPS ट्रांजैक्शन पर पुराने शुल्क ही लागू होंगे।
  • न्यूनतम शुल्क: ₹2 + GST
  • अधिकतम शुल्क: ₹20 + GST
  • इसका मतलब है कि ब्रांच जाने वाले ग्राहकों के लिए कोई नया अतिरिक्त बोझ नहीं।

UPI payment बदलाव के पीछे सरकार और NPCI का कारण

NPCI का कहना है कि यह कदम UPI नेटवर्क को टिकाऊ बनाएगा, ताकि बैंक और ऐप कंपनियां लंबे समय तक सेवाएं दे सकें। हर ट्रांजैक्शन पर बैंक और सर्विस प्रोवाइडर्स को इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत उठानी पड़ती है। नया चार्ज उसी को संतुलित करने का तरीका है।

आम यूजर पर क्या असर होगा?

रोज़मर्रा के पेमेंट पर प्रभाव पड़ेगा जो ज्यादा upi से भुगतान करते है लेकिन साधारण उपभोक्ता, जो महीने में 500 से कम पेमेंट करते हैं, उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा।

फ्री UPI लिमिट से लाभ उठाने के लिए इन तरीकों को अपनाएं,

  • छोटे पेमेंट्स के लिए UPI इस्तेमाल करें
  • बड़े लेनदेन को नेट बैंकिंग/IMPS से करें
  • लिमिट के भीतर रहकर ही भुगतान करें

कौन से खाताधारकों को मिलेगी छूट?

SBI ने अपने सैलरी पैकेज खाताधारकों को राहत दी है। इन खाताधारकों पर नया शुल्क लागू नहीं होगा।

  •  डिफेंस सैलरी पैकेज (DSP)
  •  पैरा मिलिट्री सैलरी पैकेज (PMSP)
  •  इंडियन कोस्ट गार्ड सैलरी पैकेज (ICGSP)
  •  केंद्रीय सरकार सैलरी पैकेज (CGSP)
  •  पुलिस सैलरी पैकेज (PSP)
  •  रेलवे सैलरी पैकेज (RSP)
  •  शौर्य फैमिली पेंशन अकाउंट
  •  कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज (CSP)
  •  राज्य सरकार सैलरी पैकेज (SGSP)
  •  स्टार्टअप सैलरी पैकेज (SUSP)
  •  एसबीआई रिश्ते फैमिली सेविंग्स अकाउंट

यानी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

बिज़नेस और मर्चेंट्स के लिए बदलाव

छोटे दुकानदारों के लिए यह चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि उनका लेनदेन सामान्यत: लिमिट के भीतर रहता है।

Amazon, Flipkart, Swiggy, Zomato जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म्स को अतिरिक्त लागत झेलनी होगी, जो शायद ग्राहकों तक पहुँचे।

अन्य देशों में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की स्थिति

भारत बनाम चीन: चीन में Alipay और WeChat Pay पर ट्रांजैक्शन चार्ज पहले से लागू हैं। भारत अब उसी दिशा में बढ़ रहा है।

भारत बनाम यूरोप और अमेरिका : यूरोप और अमेरिका में डिजिटल पेमेंट पर अलग-अलग शुल्क लागू होते हैं। भारत में अब तक UPI पूरी तरह मुफ्त था, लेकिन नया नियम ग्लोबल ट्रेंड जैसा है।

निष्कर्ष

UPI Payment ने भारत की डिजिटल क्रांति में अहम भूमिका निभाई है। नया नियम — 500 से अधिक ट्रांजैक्शन पर चार्ज — सामान्य उपभोक्ता पर असर नहीं डालेगा। इसका मकसद है कि UPI सिस्टम लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित बना रहे। आने वाले समय में UPI और भी आधुनिक होगा और भारत को कैशलेस इकॉनमी की ओर आगे बढ़ाएगा।

🔗 अधिक जानकारी के लिए आप NPCI की आधिकारिक वेबसाइट https://www.npci.org.in/ देख सकते हैं।

अस्वीकरण: उपरोक्त जानकारी Google Media से प्राप्त की गई है। पूर्णतः 100% सत्य  की गारंटी नहीं है लेकिन मीडिया के अनुसार यह सत्य समाचार है। सम्बंधित से जानकारी जरुर लें। किसी अनहोनी का अर्टिकल लेखक/ हम जिम्मेदार नहीं हैं।