Effect of Jealous in Relations ईर्ष्या से कैसे बचे।

Effect of Jealous in Relations : ईर्ष्या से कैसे बचे।कहा जाता है कि ईर्ष्या इंसान के दिल की भावनाओं को खत्म कर देती है । यह एक ऐसा नासूर है, जो सच्चे रिश्तो की सुगंध को लील लेता है ।

 

ईर्ष्या का रिश्तो मे दुस्प्रभाव ईर्ष्या से कैसे बचे।

 ईर्ष्या का रिश्तो मे दुस्प्रभाव ईर्ष्या से कैसे बचे।

Effect of Jealous in Relations : ईर्ष्या एक ऐसा शब्द है जो मानव के के खुद के जीवन को तो तहस-नहस करता है ,औरों के जीवन में भी खलबली मचाता है । यदि आप किसी का सुख या सुखी नहीं देख सकते तो कम से कम दूसरों के सुख और खुशी देखकर जलिए मत ।

ईर्ष्या से युक्त मनुष्य हमेशा ही दुखी रहता है वह अपने सुख को ना देख कर दूसरों के सुख को देखकर दुखी रहता है । ईर्ष्या से
युक्त व्यक्ति बुराइयों की तरफ आसानी से आकर्षित होकर बुराइयों में लिप्त हो जाता है तो इस प्रकार ईर्ष्या मनुष्य को जानवर के समान बना देती है । 
Effect of Jealous in Relations

अगर आप दूसरों की सफलता पर खुश नहीं होते है, तो आप अपनी सफलता का अनुभव नहीं कर सकते।                                              

ईर्ष्या को खत्म करना आसान है।

किसी की अच्छाई बुराई का आकलन करना छोड़ें। ऐसा करने पर आप लोगों के वास्तविक रूप को स्वीकार कर पाएंगे। दूसरों से खुद
की तुलना ना करें । दूसरों की उपलब्धि या सफलता पर फोकस ना करें । यदि ऐसा करेंगे, तो आपकी अपनी अच्छाइयां सामने आ ही नहीं पाएंगी । दूसरों की सफलता पर जलने से आपने केवल निराशा भरेगी । दूसरों की कामयाबी का आपकी सफलता से कोई संबंध नहीं होता
। Effect of Jealous in Relations

मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए जिसमें किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिजूल समय ना हो ऐसी स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए ।

 अच्छा सोचें और अच्छा अनुभव करें । अपनी ताकतों पर फोकस करें और कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करें । किसी दूसरे को आइना खाना बहुत आसान होता है, जबकि उसी आईने में खुद की असली छवि देखना बहुत मुश्किल ।

जिस तरह लोहा जंग खा जाता है, उसी तरह ईर्ष्यालु व्यक्ति को  उसकी ईर्ष्या खा जाती है ।ईर्ष्या छोड हमे एक दूसरे को बढ़ते हुऐ देखना चाहिए और लोगो की मदद करके आगे बढ़ाना चाहिए। Effect of Jealous in Relations

ईर्ष्या क्यों आती है?

ईर्ष्या क्यों आती है?

ईर्ष्या तब होती है जब कोई व्यक्ति: 

* खुद पर विश्वास नहीं करता;

* किसी पर भरोसा करना नहीं जानता;

* अपने शब्दों और कर्मों को मिलाने में असमर्थ;

* दोस्त बनाना नहीं जानता;

* उसके पास कोई सिद्धांत नहीं है जिसके वह अनुरूप है;

* खुद के लिए क्या जिम्मेदारी है, किसी के शब्दों, विकल्पों, कार्यों को नहीं जानता है।

ईर्ष्या से कैसे बचें-

1. कोई चेहराविहीन ईर्ष्या नहीं है। प्यार की तरह, यह आवश्यक रूप से किसी अन्य व्यक्ति को निर्देशित किया जाता है। दोनों पति-पत्नी प्यार और ईर्ष्या की भावनाओं में बहुत योगदान देते हैं। अगर कोई ईर्ष्या करता है, तो वह प्यार भी करता है। लेकिन ईर्ष्या को नियंत्रण
में रखना चाहिए, क्योंकि इसकी अभिव्यक्तियाँ हमेशा जीवनसाथी के लिए अच्छी नहीं होती हैं।

 2. आपको अपने व्यवहार पर लगातार नियंत्रण रखने की जरूरत है। यदि आप ईर्ष्यालु है, तो आपको ईर्ष्या का कारण बताना चाहिए। अगर ईर्ष्या अचानक वे प्रकट हई है तो किसी भी अविश्वास को दूर करना सीखो;Effect of Jealous in Relations

3. अपनी भावनाओं का विश्लेषण करें। यह समझने की कोशिश करें कि आपकी ईर्ष्या की भावना किस पर आधारित है: कम आत्मसम्मान, स्वार्थ, हावी होने की इच्छा, बढ़ी हुई महत्वाकांक्षा या किसी प्रियजन को खोने का डर। 

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4. अपने लिए सम्मान मत खोना। किसी व्यक्ति को गले लगाने वाली नकारात्मक भावनाएं उसे बिल्कुल भी शोभा नहीं देती हैं। किसी भी स्थिति में अशिष्टता और क्रोध के आगे न झुकें। अपना स्वाभिमान बनाए रखें। Effect of Jealous in Relations

5. अपने आप से प्यार और सम्मान करें: यदि आप खुद से प्यार नहीं करते हैं और खुद की सराहना नहीं करते हैं तो आप किसी अन्य व्यक्ति को खुद से प्यार करने के लिए प्रेरित नहीं कर सकते।Effect of Jealous in Relations

सुझाव – ईर्ष्या अनेक दुष्प्रभाओं का कारक है अतः ईर्ष्या से बचे। 

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